Prashant Kishor Detained: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की सियासी गर्मी बढ़ती जा रही है. बिहार पुलिस ने जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर को हिरासत में ले लिया है. किशोर BPSC छात्रों द्वारा की जा रही मांगो का समर्थन करते हुए राजधानी पटना के गांधी मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे.
छात्रों का कहना है कि 13 दिसंबर को आयोजित एकीकृत 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा को रद्द किया जाए. इसी मांग को लेकर गुरुवार से आमरण अनशन पर हैं. यह पूरा मामला बीपीएससी परीक्षा में अनियमितताओं के आरोपों से शुरू हुआ. जिसके बाद सरकार द्वारा एक सेंटर पर दोबारा परीक्षा कराने की घोषणा की गई. जिसके बाद इस विरोध ने और तेज रफ्तार पकड़ ली. किशोर ने दावा किया कि यह हुई गलतियों की स्वीकृति है.
प्रशांत किशोर ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुनः परीक्षा कराकर सरकार ने कानूनी तौर पर स्वीकार कर लिया है कि परीक्षा में कुछ छात्रों के साथ अनियमितताएं हुई हैं. उन्होंने छात्रों के कल्याण के लिए इस मुद्दे को तेजी से संबोधित करने के महत्व पर भी जोर दिया और कहा कि मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) को छात्रों की मांगों के संबंध में उनसे मिलना चाहिए, यह राज्य के हित में है.
किशोर ने बीपीएससी परीक्षा को रद्द कराने में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव से समर्थन मांगा था. उन्होंने कहा कि ये हमसे कहीं बड़े नेता हैं. वे चाह लें तो गांधी मैदान में पांच लाख लोगों को एकत्रित कर सकते हैं. ऐसा करने का यही सही समय है. युवाओं का भविष्य दांव पर लगा है. हम एक क्रूर शासन का सामना कर रहे हैं, जिसने महज तीन साल में 87 बार लाठीचार्ज का आदेश दिया है.
#WATCH | BPSC protest | Bihar: Patna Police detains Jan Suraaj chief Prashant Kishor who was sitting on an indefinite hunger strike at Gandhi Maidan pic.twitter.com/cOnoM7EGW1
— ANI (@ANI) January 5, 2025
इससे पहले जिला प्रशासन ने किशोर और उनके 150 समर्थकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. जिसमें कहा गया था कि साइट पर विरोध प्रदर्शन अवैध था. हालांकि प्रशांत किशोर द्वारा किए जा रहे आमरण अनशन को विरोधी दलों ने फर्जी भी बताया था. यह पूरा मामला 13 दिसंबर को आयोजित 70वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई) प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों के कारण विवादों में रही है, जिसका बीपीएससी ने खंडन किया है. पटना के बापू परीक्षा परिसर केंद्र में शनिवार को परीक्षा देने वाले 12,000 उम्मीदवारों के लिए एक नई परीक्षा का आदेश दिया गया था. हालांकि, आयोग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, केवल 5,943 अभ्यर्थी ही परीक्षा में शामिल हुए हैं. पटना में प्रदर्शन कर रहे छात्र परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं.