West Bengal: पूरे देश में रविवार को रामनवमी का त्योहार मनाया गया. अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक लगाया गया. हालांकि कोलकाता से रामनवमी जुलूस पर हमले की खबर सामने आई है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि जुलूस में भाग लेने वाले हिंदू भक्तों पर हमला किया गया और उनके वाहनों में तोड़फोड़ की गई.
पार्टी ने इस घटना को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा. हालांकि कोलकाता पुलिस आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि पार्क सर्कस इलाके में ऐसा कोई जुलूस नहीं निकला.
केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि जब रामनवमी जुलूस से भक्त वापस लौट रहे थे तब, कोलकाता के पार्क सर्कस सेवन पॉइंट इलाके में उनपर बर्बरतापूर्वक हमला किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि भगवा झंडा ले जाने के कारण वाहनों पर पत्थर बरसाए गए, विंडशील्ड तोड़ दिए गए, अराजकता फैलाई गई. उन्होंने कहा यह घटना अचानक नहीं घटी बल्कि, यह लक्षित हिंसा थी. उन्होंने राज्य प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब यह घटना घटी तो पुलिस कहां थी? उन्होंने खुद इसका जवाब देते हुए यह भी कहा कि वे वहीं थे, रीढ़विहीन होकर सब देख रहे थे. पश्चिम बंगाल बीजेपी की ओर से कथित घटना का एक कथित वीडियो भी साझा किया गया है जिसमें, यह भी दावा किया गया कि भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई.
कोलकाता पुलिस ने इस आरोप को खारिज कर दिया है. साथ ही उनका कहना है कि रामनवमी के दौरान इलाके में किसी भी रैली के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई. उन्होंने स्पष्ट किया कि वहां कोई रामनवमी जुलूस नहीं निकला. पुलिस ने लोगों से किसी भी अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की है. कोलकाता पुलिस ने घटना को लेकर ट्वीट करते हुए कहा कि पार्क सर्कस में कथित घटना के संदर्भ में यह स्पष्ट किया जाता है कि किसी भी जुलूस के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी और न ही इलाके में ऐसी कोई गतिविधि हुई. वाहन को नुकसान पहुंचने की सूचना मिलने पर पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया और व्यवस्था बहाल की.लोगों को किसी भी अफवाह पर ध्यान न देने की सलाह दी जाती है.