Haryana Assembly Elections2024 : हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को एक बड़ा झटका लगा है. सिरसा के पूर्व सांसद अशोक तंवर ने फिर से कांग्रेस पार्टी में वापसी कर ली है. यह घटनाक्रम महेंद्रगढ़ में राहुल गांधी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मौजूदगी में हुआ, जहां तंवर ने कांग्रेस में शामिल होने का ऐलान किया.
अशोक तंवर की वापसी की सबसे खास बात यह है कि उन्होंने हाल ही में बीजेपी के उम्मीदवार के लिए प्रचार किया था. उन्होंने 2019 में कुमारी शैलजा के खिलाफ लोकसभा चुनाव में बीजेपी का टिकट लिया था. उनकी वापसी को लेकर माना जा रहा है कि कुमारी शैलजा को इस निर्णय की जानकारी दी गई होगी. तंवर पहले हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं और 2019 में उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दिया था.
#WATCH | Haryana BJP leader Ashok Tanwar joined Congress in the presence of Congress MP and Lok Sabha LoP Rahul Gandhi and former Haryana CM Bhupinder Singh Hooda, in Mahendragarh
— ANI (@ANI) October 3, 2024
(Source: Congress) pic.twitter.com/g4pqSmbqGo
कांग्रेस ने तंवर की वापसी पर कहा, "हमेशा समाज के उत्पीड़ित और वंचित वर्गों के लिए अपनी आवाज उठाने वाली कांग्रेस को अब एक और ताकतवर नेता मिला है."
तंवर का राजनीतिक सफर
अशोक तंवर का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प रहा है. उन्होंने 2009 में सिरसा से इनेलो उम्मीदवार को हराकर लोकसभा सीट जीती थी, लेकिन 2014 और 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. तंवर का करियर कई राजनीतिक दलों के सफर से भरा रहा है. पहले वह तृणमूल कांग्रेस, फिर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए और अंततः इस साल की शुरुआत में बीजेपी में शामिल हो गए थे.
चुनावी माहौल में बदलाव
अशोक तंवर की कांग्रेस में वापसी से हरियाणा के राजनीतिक माहौल में हलचल मच गई है. कुछ ही घंटों पहले वह बीजेपी उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहे थे और अचानक कांग्रेस में शामिल होकर उन्होंने सभी को चौंका दिया. उनके मंच पर आते ही राहुल गांधी ने उन्हें गर्मजोशी से स्वागत किया, जिससे उनकी वापसी को औपचारिक रूप दिया गया.
कांग्रेस की स्थिति मजबूत होने की उम्मीद
अशोक तंवर की वापसी से कांग्रेस की स्थिति विधानसभा चुनावों में मजबूत होने की उम्मीद जताई जा रही है. उनके राजनीतिक अनुभव और कनेक्शन पार्टी को चुनाव में एक नई ऊर्जा प्रदान कर सकते हैं. हरियाणा में राजनीतिक पारा चढ़ चुका है और अब देखना यह है कि ये बदलाव आगामी चुनावों में किस तरह के परिणाम लेकर आते हैं.
अशोक तंवर की वापसी ने निश्चित रूप से हरियाणा की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है और यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह कांग्रेस के लिए एक नया अध्याय शुरू करेगा या फिर बीजेपी अपनी स्थिति को बनाए रखने में सफल रहेगी.