BJP: बीजेपी की नई रणनीति में सबसे पहले विधानसभा का रिजल्ट आते ही छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान में मुख्यमंत्री के पद के नाम घोषित कर दिए गए हैं. बता दें कि, राजस्थान में भजन लाल शर्मा तो मध्यप्रदेश में मोहन यादव और छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री चुन लिया गया है. बीजेपी पार्टी के इस ऐलान ने सबकी नींद उड़ा दी है.
दरअसल पार्टी के नए आगाज की चर्चा पूरे देश में की जा रही है. सभी हैरान हैं कि, जिसकी उम्मीद नहीं थी वह कैसे सीएम फेस चुन लिए गए हैं. हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि, मोदी युग चल रहा है. इतना ही नहीं हर जगह पर मोदी और शाह की बातें की जा रही हैं. हालांकि इस निर्णय से साफ हो गया है कि, बीजेपी ने अपनी नई नीति की शुरूआत कर दी है. जिसके बाद यह कहा जा सकता है कि, एक आम कार्यकर्ता भी सीएम बनने का सपना बड़े आराम से देख सकता है.
वहीं देखा गया कि, विधानसभा चुनाव की तैयारियों में नेताओं ने खूब मेहनत की, एमपी में शिवराज सिंह चौहान, राजस्थान में वसुंधरा राजे ने जमकर जनता के दिलों की जीतने की कोशिश की है. मगर बीजेपी पार्टी ने इन नेताओं को सीएम बनने का अवसर नहीं दिया और एक नए फैसले के साथ सबको हैरान करके रख दिया है. जिसके बाद ये कहना गलत नहीं होगा कि, आपको पार्टी में न तो मोदी और न ही शाह की दोस्ती साथ देने वाली है. बल्कि बीजेपी के इस निर्णय से आम कार्यकर्ताओं को आगे मेहनत करने की शक्ति मिली है. पार्टी ने अपने निर्णय से साफ कर दिया है कि, मुख्यमंत्री की गद्दी में बैठने का मौका किसी को भी दिया जा सकता है.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपनी अलग पहचान बनाने के लिए अलग फॉर्मूले पर चल रही है. वहीं बीजेपी के इस निर्णय से पता चलता है कि, सीएम बनने के लिए जनता की लोकप्रियता आवश्यक नहीं है. दरअसल मोदी को ये अच्छे से पता है कि, किस प्रकार से जनता का दिल जीतना है. जबकि हमेशा देखा जाता है कि, चुनाव होने के पहले मोदी की तरफ से मेरा बूथ अभियान को बढ़ावा दिया जाता है. पार्टी राजस्थान में वसुंधरा और एमपी में शिवराज के साथ छत्तीसगढ़ में रमन को सीएम पद से आउट करके पूरे देश को यह मैसेज दिया कि, लाइन में खड़े सबसे पीछे वाले व्यक्ति का भी किस्मत खुल सकता है.
हालांकि पार्टी ने इस तरह का फैसला देकर बता दिया कि, सीट को हासिल करने के लिए गुटबाजी और दोस्ती किसी को काम नहीं आने वाली है. जो भी इस तरह का स्वभाव रखता है, वह पार्टी के लिए घातक है. बल्कि अब मोदी युग में गुटबाजी और राजनीति करने वालों के लिए कोई स्थान नहीं है.