लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने पार्टी प्रमुख मायावती के खिलाफ की गई पूर्व सांसद उदित राज की हालिया टिप्पणी की कड़ी निंदा की. उन्होंने इसे "घृणित, शर्मनाक, अपमानजनक और निंदनीय" बताते हुए भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) की सरकार और पुलिस से मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार और पुलिस से इस मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग करते हुए मिश्रा ने कहा कि अगर इस मामले में जल्द से जल्द प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाता, तो यह मान लेना चाहिए कि सरकार कांग्रेस के साथ मिली हुई है.
उदित राज ने सोमवार को लखनऊ में संवाददाता सम्मेलन में मायावती पर निशाना साधते हुए दावा किया था कि उनके ‘दुर्व्यवहार, भ्रष्टाचार और लालच’ के बावजूद उनकी ‘राजनीतिक ताकत लंबे समय तक बरकरार रही’. उन्होंने यह भी कहा कि मायावती ने ‘सामाजिक आंदोलन का गला घोंट दिया है’ और ‘अब मायावती का गला घोंटने का समय आ गया है’.
बसपा महासचिव मिश्रा ने बुधवार को ‘एक्स’ पर सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद उदित राज द्वारा माननीय बहन कुमारी मायावती जी पर दिया गया घृणित शर्मनाक, अपमानजनक और निंदनीय बयान न सिर्फ माननीय बहन जी का अपमान है, बल्कि यह पूरे बहुजन समाज के दलितों और स्वाभिमानी भारतीयों की गरिमा पर करारा हमला हैं.’’
1.कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद उदित राज द्वारा मा0 बहन कुमारी मायावती जी पर दिया गया घृणित शर्मनाक, अपमानजनक और निंदनीय बयान न सिर्फ मा0 बहन जी का अपमान है, बल्कि यह पुरे बहुजन समाज के दलितों और स्वाभिमानी भारतीयों की गरिमा पर करारा हमला हैं।
— Satish Chandra Misra (@satishmisrabsp) February 19, 2025
उन्होंने कहा, ‘‘यह कांग्रेस का हमेशा से रहा दलित विरोधी, महिला विरोधी और जातिवादी मानसिकता का घिनौना प्रमाण हैं. इस पार्टी ने इसी प्रकार डॉ. बाबा साहब भीमराव आंबेडकर जी का भी अपमान किया था, जिसके चलते उन्होंने विधि मंत्री के पद से त्याग किया था.’’
2.यह कांग्रेस का हमेशा से रहा दलित विरोधी, महिला विरोधी और जातिवादी मानसिकता का घिनौना प्रमाण हैं। इस पार्टी ने इसी प्रकार बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर जी का भी अपमान किया था। जिसके चलते उन्होने विधि मंत्री के पद से त्याग किया था।
— Satish Chandra Misra (@satishmisrabsp) February 19, 2025
बसपा नेता ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश की चार बार की मुख्यमंत्री एवं पहली दलित महिला ने शासन की परि बदली, उन्होंने उत्तर प्रदेश में कानून का राज स्थापित किया, जिसकी वजह से अपराधी डरते थे. उन्होंने (मायावती) ने दलितों, पिछड़ों एवं वंचितों को न्याय दिलाने के लिए व उनका स्वाभिमान बढ़ाने के लिये कई ऐतिहासिक फैसले लिए थे. वह भ्रष्टाचार, पूंजीवादी लॉबी और जातिवादी राजनीति के खिलाफ अडिग रहीं.’’
3.उत्तर प्रदेश की चार बार की मुख्यमंत्री एवं पहली दलित महिला ने शासन की परिभाषा बदली, उन्होने उ0प्र0 में कानून का राज स्थापित किया था जिसकी वजह से अपराधी डरते थे।
— Satish Chandra Misra (@satishmisrabsp) February 19, 2025
यह घटनाक्रम इस बात को और भी स्पष्ट करता है कि राजनीति में शब्दों का चुनाव कितना अहम है. जहां एक ओर मायावती ने दलितों और वंचितों के लिए संघर्ष किया, वहीं दूसरी ओर कुछ नेताओं द्वारा दिए गए बयान उनकी छवि को धूमिल करने के प्रयास के रूप में देखे जा रहे हैं.