लखनऊ : उत्तर प्रदेश की प्रमुख समस्याओं में महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़ापन को मानते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने मंगलवार को कहा कि इन मुद्दों का समाधान करने के लिए बजट आवंटन और विधानसभा में गंभीरता से चर्चा करना जरूरी है.
विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण के तुरंत बाद मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
मायावती ने कहा, "राज्यपाल महोदया के अभिभाषण के साथ आज से शुरू हुआ उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र जनहित और जनकल्याण के मुद्दों को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच तकरार, 'गवर्नर गो बैक' के नारे और अन्य घटनाओं के कारण हंगामेदार रहा. लेकिन इस हंगामे के बावजूद यह महत्वपूर्ण है कि शोषित-पीड़ित जनता को इससे कितनी राहत मिलती है, यह एक सोचने का विषय है."
1. राज्यपाल महोदया के अभिभाषण से आज से शुरू हुआ उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र जनहित व जनकल्याण के ज्वलन्त मुद्दों को लेकर सत्ता व विपक्ष की तकरार तथा ’गवर्नर गो बैक’ की नारेबाजी आदि के कारण हंगामेदार रहा, किन्तु शोषित-पीड़ित जनता को इससे कितनी राहत मिलेगी, यह सोचने वाली बात।
— Mayawati (@Mayawati) February 18, 2025
उन्होंने आगे कहा, "प्रयागराज के महाकुंभ को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच भिन्न तर्क हैं, लेकिन व्यापक जनहित और जनकल्याण के लिए सभी का विश्वास होना चाहिए, ताकि सरकारी धन और संसाधनों का सही तरीके से उपयोग किया जा सके. महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ापन जैसी समस्याएं उत्तर प्रदेश के लिए गंभीर मुद्दे हैं, जिनका समाधान बजट आवंटन और गंभीरता से किया जाना चाहिए."
मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया, जिसके कारण कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी. जैसे ही राज्यपाल ने अपना अभिभाषण पढ़ना शुरू किया, सपा सदस्यों ने 'राज्यपाल वापस जाओ' और 'कुंभ में हुई मौतों के आंकड़े बताओ' जैसे नारे लगाए. हंगामे के बीच राज्यपाल ने महज आठ मिनट में अपना अभिभाषण समाप्त कर दिया.
मायावती ने इस बजट सत्र के दौरान प्रदेश की गंभीर समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता जताई है. उनका मानना है कि महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़ेपन के समाधान के लिए पर्याप्त बजट आवंटन और विधानसभा में इसके लिए गंभीर चर्चा जरूरी है.