Budget 2025: केंद्रीय बजट 2025 को लेकर भारत के लोगों के बीच काफी उत्साह है. लोग अभी से ही यह अनुमान लगाना शुरू कर दिए हैं कि इस बजट के बाद क्या सस्ता और क्या महंगा हो सकता है. 1 फरवरी को बजट पेश होना है, जिसके बाद कुछ बदलाव हो सकता है. उम्मीद की जा रही हैं कि सरकार केंद्रीय बजट 2025 में सोने पर सीमा शुल्क में वढ़ोतरी की घोषणा करी जा तसकती है, जिससे सोने की कीमतों में उछाल आ सकता है.
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय सोना की खरीदारी करना फायदेमंद साबित हो सकता है. इस समय कीमतों में गिरावट है जो की बजट के बाद ऊपर जा सकता है. 23 जुलाई 2024 को पेश किए गए पूर्ण वित्त वर्ष 25 के बजट में सोने और चांदी की छड़ों पर सीमा शुल्क को 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया गया था. इसके बाद अगस्त 2024 में सोने का आयात साल-दर-साल लगभग 104 प्रतिशत बढ़कर 10.06 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया.
पिछले बजट में सरकार ने लगातार मुद्रास्फीति के बीच कीमतों को स्थिर करने और पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सोने पर सीमा शुल्क कम कर दिया था. हालांकि, आयात शुल्क कम करने से बढ़ती खपत को लेकर चिंताएं पैदा हुई हैं, जिससे व्यापार घाटा बढ़ सकता है . दुनिया में सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता होने के नाते, भारत अपनी अधिकांश मांग को पूरा करने के लिए आयात पर बहुत अधिक निर्भर करता है. डॉलर में मजबूती के बावजूद पिछले सप्ताह सोने की कीमतों में तेजी आई . हाजिर बाजार से अच्छी मांग और घरेलू इक्विटी बाजार में कमजोरी ने वायदा बाजार में कीमतों को सहारा दिया, जो पिछले सप्ताह लगभग 1 प्रतिशत बढ़ी.
MCX पर सोने का भाव शुक्रवार को ₹79,019 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ, जो पिछले शुक्रवार के ₹78,400 प्रति 10 ग्राम के बंद भाव के मुकाबले लगभग 0.80 प्रतिशत साप्ताहिक बढ़त दर्शाता है . अगर सरकार सीमा शुल्क बढ़ाती है तो घरेलू बाजार में पीली धातु में फिर से तेजी देखने को मिल सकती है . SS वेल्थस्ट्रीट की संस्थापक सुगंधा सचदेवा के अनुसार सरकार बढ़ते आयात को नियंत्रित करने के लिए बजट 2025 में सोने पर मूल सीमा शुल्क बढ़ा सकती है .सचदेवा ने बताया कि भारत ने 2024 के पहले 11 महीनों के दौरान सोने के आयात पर 47 बिलियन डॉलर खर्च किए, जो 2023 के पूरे वर्ष में खर्च किए गए 42.30 बिलियन डॉलर से काफी अधिक है .
सीमा शुल्क में वृद्धि ही सोने की कीमतों के लिए एकमात्र ट्रिगर नहीं है . विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही सरकार सीमा शुल्क को नहीं छूती है, लेकिन वैश्विक अनिश्चितता के कारण सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के तहत नीतिगत बदलावों की संभावना सोने की सुरक्षित-पनाहगाह अपील को बढ़ा सकती है. बाजार प्रतिभागी इस महीने के अंत में होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति बैठक पर भी बारीकी से नज़र रखेंगे . पिछले कुछ महीनों से स्थिर रहने के बाद दिसंबर में कोर मुद्रास्फीति में कमी आने के साथ, फेड ब्याज दरों में कटौती पर अपने रुख पर पुनर्विचार कर सकता है, जिससे सोने की कीमतों को समर्थन मिल सकता है .