स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले जम्मू-कश्मीर में गोलाबारी के बीच भारतीय सेना का जवान शहीद

जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले सेना के द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन में भारतीय सेना का एक कैप्टन शहीद हो गया है. जिले के शिवगढ़-अक्सर क्षेत्र में कुछ आतंकियों के छुपे होने की खबर हुई थी जिसके बाद सेना ने घेराबंदी और सर्च ऑपरेशन चलाया था. इस बीच देश में लगातार हो रही आतंकी गतिविधियों को लेकर रक्षामंत्री ने बैठक बुलाई है.

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जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में सेना और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ चल रही है. आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान 48 राष्ट्रीय राइफल्स के एक कैप्टन शहीद हो गए हैं. कैप्टन के शहीद होने की जानकारी सेना के अधिकारियों की ओर जारी की गई. इस मुठभेड़ में 4 आतंकवादियों के भी मारे जाने की खबर है.

डोडा जिले के शिवगढ़-अक्सर क्षेत्र में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली थी जिसके बाद सेना घेराबंदी करके सर्च ऑपरेशन चलाया. क्षेत्र के घने जंगलों में छिपे आतंकियों को जैसे ही घेराबंदी के बारे में पता चला आतंवादियों ने सेना के ऊपर गोलाबरी करना शुरू कर दिया. इस गोलाबारी में कैप्टन ने अपने साहस का परिचय देते हुए आतंकवादियों से मुठभेड़ लिया और शहीद हो गए.

आतंकवादियों से मुठभेड़ लेने वाले शहीद कैप्टन दीपक सिंह अपने जान की परवाह किए बिना आतंकवादियों से लड़ते रहे. उन्होंने जान को नहीं अपने कर्तव्य को प्राथमिकता दी. शहीद कैप्टन दीपक सिंह पर देश को गर्व है कि उन्होंने देश चुना. दीपक ने अपने इस बहादुरी और बलिदान से अपने साथियों को भी प्रेरित किया है.

जारी है सर्च ऑपरेशन

शिवगढ़-अस्सर क्षेत्र से आतंकवादियों के सफाया कि लिए सर्च ऑपरेशन जारी है. जल्द से जल्द आतंकवादियों को ढूंढ़ निकालने के लिए मौके पर और सेना के जवानों को भेजा गया है. आतंकवादियों के जल्दी खात्मा करके सेना क्षेत्र में शांति को बहाल करना चाहती है. 

साहसी कदम का सम्मान

कैप्टन दीपक सिंह के शहीद होने की खबर जब उनके घर वालों को लगी तो उनके परिवार में मातम छा गया. कैप्टन दीपक सिंह के होने पर पूरे देश और भारतीय सेना ने उनके बलिदान को सराहा है. लोगों ने उनके इस साहसी कदम का सम्मान किया और उनके परिवार के इस मुश्किल की घड़ी में समर्थन दिया है.

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