Corona Sub-variant JN.1: देश में एक बार फिर कोरोना के बढ़ते मामलों ने लोगों के बीच डर को बढ़ा दिया है. इस बीच कोविड के नए सब वैरिएंट JN.1 के देश में 63 नए मामले सामने आए हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार नए सब वैरिएंट के सबसे अधिक 34 केस गोवा, कर्नाटक में 8, महाराष्ट्र में 9, केरल में 6, तमिल नाडु में 4 और तेलंगाना में 2 मामले सामने आए हैं.
बता दें कि पिछले 24 घंटे के दौरान देश में कोरोना के 628 केस सामने आए हैं. इस दौरान केरल में 1 व्यक्ति की मौत हुई है. ऐसे में कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़कर 5 लाख 33 हजार हो गई है. वहीं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए नए आंकड़ों के अनुसार देशभर में कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़ाकर 4 करोड़ 44 लाख 71 हजार 860 हो गई है. ऐसे में कोरोना से सस्वस्थ्य होने की राष्ट्रीय दर 98.81 प्रतिशत हैं. मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है.
इस दौरान कोरोना के नए सब वैरिएंट को लेकर नीति आयोग (स्वास्थ्य) के सदस्य वीके पॉल ने कहा था कि डरने की कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा था कि कोरोना के नए वैरिएंट से संक्रमित होने वाले करीब 91 से 92 प्रतिशत लोग घर पर ही इलाज कराने का विकल्प चुन रहे हैं.
इस बीच केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने देश में बढ़ते कोरोना के मामलों को लेकर केंद्र शासित प्रदेश और राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ 20 दिसंबर (बुधवार) को समीक्षा बैठक की थी. इस दौरान मीटिंग के समापन के बाद उन्होंने कहा था कि किसी भी प्रकार की चुनौती से सामना करने के लिए हम सब को मिल-जुलकर प्रयास करना पड़ेगा.
कोरोना के नए सब वैरिएंट को लेकर WHO ने दिशा-निर्देश जारी किया है. WHO दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेतरपाल सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस लगातार विकसित हो रहा है, बदल रहा है और दुनिया भर के सभी देशों में फैल रहा है. उन्होंने आगे कहा कि 'हालांकि मौजूदा सबूत बताते हैं कि JN.1 से जनता के स्वास्थ्य को खतरा कम है, लेकिन हमें इन वायरसों के विकास पर नजर रखनी चाहिए और अपनी प्रतिक्रिया को उसी के अनुसार ढालना चाहिए'.
केंद्र सरकार ने कोरोना के नए नए सब वैरिएंट JN.1को लेकर 18 दिसंबर (सोमवार) को सभी राज्यों के लिए एक एडवाइजरी की है थी. साथ ही कोरोना के हालात पर हर संभव निगरानी बनाए रखने के लिए कहा था. इस दौरान सभी राज्यों को रोजाना जिलेवार एसएआरआई और आईएलआई (इन्फ्लूएंजा) मामलों को लेकर रिपोर्ट देनी के लिए और देख-रेख पर विशेष ध्यान देना के लिए कहा गया था. साथ ही राज्यों को अधिक से अधिक संख्या में आरटी-पीसीआर परीक्षणों सहित पर्याप्त परीक्षण कराने की सलाह दी गई थी. वहीं जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए पॉजिटिव सैंपल को INSACOG लैब में भेजने के लिए कहा गया था.