एफसीआरए उल्लंघन मामला: सीबीआई ने वकील रित्विक दत्ता, ‘लाइफ’ के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया

नयी दिल्ली: सीबीआई ने विदेशी निधि से संबंधित नियमों के कथित उल्लंघन के लिए पर्यावरण मामलों के जाने-माने वकील ऋत्विक दत्ता और उनके संगठन ‘लीगल इनिशिएटिव फॉर फॉरेस्ट एंड एनवायरनमेंट’ (लाइफ) के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकार दी. उन्होंने बताया कि यहां एक विशेष अदालत के समक्ष दायर आरोपपत्र में सीबीआई ने दत्ता, पर्यावरण वकालत समूह लाइफ, राहुल चौधरी और अन्य को भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) के अलावा विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के विभिन्न प्रावधानों के उल्लंघन के तहत आरोपी बनाया है.

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Courtesy: Social Media

नयी दिल्ली: सीबीआई ने विदेशी निधि से संबंधित नियमों के कथित उल्लंघन के लिए पर्यावरण मामलों के जाने-माने वकील ऋत्विक दत्ता और उनके संगठन ‘लीगल इनिशिएटिव फॉर फॉरेस्ट एंड एनवायरनमेंट’ (लाइफ) के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकार दी. उन्होंने बताया कि यहां एक विशेष अदालत के समक्ष दायर आरोपपत्र में सीबीआई ने दत्ता, पर्यावरण वकालत समूह लाइफ, राहुल चौधरी और अन्य को भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) के अलावा विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के विभिन्न प्रावधानों के उल्लंघन के तहत आरोपी बनाया है.

सीबीआई ने अप्रैल, 2023 में केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक शिकायत पर मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि दत्ता का संगठन, लाइफ, भारतीय कोयला परियोजनाओं के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अमेरिका स्थित अर्थ जस्टिस (ईजे) से धन प्राप्त कर रहा था, जिसका उद्देश्य “उन्हें निशाना बनाना और रोकना” था, एक ऐसा अभ्यास जिसे मंत्रालय ने “एफसीआरए का उल्लंघन” माना.

दत्ता कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों के विजेता हैं, जिनमें कानून के उपयोग के माध्यम से भारत में पर्यावरण की रक्षा के प्रयास के लिए स्वीडन का 2021 का नोबेल पुरस्कार के विकल्प के रूप में राइट लाइवलीहुड पुरस्कार भी शामिल है.

गृह मंत्रालय की शिकायत, जो अब प्राथमिकी का हिस्सा है, में आरोप लगाया गया है कि लाइफ ने ईजे से “पेशेवर रसीदों” के नाम पर धन प्राप्त किया था, जिसका वास्तविक उद्देश्य विकास परियोजनाओं को लक्षित करने और उन्हें रोकने के लिए धन मुहैया कराना था.

एफसीआरए का उल्लंघन और आरोप

एफसीआरए के तहत, विदेशी दान प्राप्त करने वाले संगठनों को कुछ खास नियमों और शर्तों का पालन करना होता है. इसमें विदेशी धन का उपयोग केवल उन्हीं उद्देश्यों के लिए करना होता है जिनकी अनुमति दी गई हो. सीबीआई का आरोप है कि लाइफ संगठन और इसके संस्थापक ऋत्विक दत्ता ने इन नियमों का उल्लंघन किया और विदेशी धन का दुरुपयोग किया.

आरोपपत्र में यह भी कहा गया कि दत्ता और उनके संगठन ने सरकारी स्वीकृति के बिना विदेशी दान राशि का इस्तेमाल किया और इस धन का गलत तरीके से उपयोग किया, जिससे भारतीय कानूनों का उल्लंघन हुआ.

सख्त कार्रवाई की संभावना

सीबीआई ने अपनी जांच के दौरान यह भी पाया कि इस पूरे मामले में अवैध तरीके से धन प्राप्त करने और उसका गलत उपयोग किया गया. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई ने विशेष अदालत में आरोपपत्र दायर किया है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की उम्मीद जताई है.

(इस खबर को भारतवर्ष न्यूज की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)

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