GST में फर्जी कंपनियों को रोकने के लिए CBIC ने कसी कमर

GST में 12000 से ज्यादा फर्जी कंपनियां रजिस्टर हैं जिनपर अब नकेल कसने वाली है. ऐसा कहना है केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन विवेक जौहरी का. उन्होने जानकारी दी कि जीएसटी के तहत जोखिम भरी संस्थाओं के बॉयोमीट्रिक प्रमाणीकरण पर काम हो रहा है. चेयरमैन का कहना है कि इससे उन […]

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GST में 12000 से ज्यादा फर्जी कंपनियां रजिस्टर हैं जिनपर अब नकेल कसने वाली है. ऐसा कहना है केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन विवेक जौहरी का. उन्होने जानकारी दी कि जीएसटी के तहत जोखिम भरी संस्थाओं के बॉयोमीट्रिक प्रमाणीकरण पर काम हो रहा है.

चेयरमैन का कहना है कि इससे उन धोकेबाजों पर नकेल कसी जाएगी जो जीएसटी पंजीकरण प्राप्त करने के लिए अन्य लोगों के पैन और आधार का दुरुपयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर यदि कर अधिकारियों को संदेह है कि कंपनियां केवल आईटीसी का फर्जी दावा करने के लिए बनीं हैं तो ऐसी कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधियों, निदेशकों या भागीदारों का बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण होगा. इसका उपयोग नए पंजीकरण आवेदनों और जीएसटी के तहत पंजीकृत मौजूदा व्यवसायों के लिए किया जाएगा. सभी संस्थाओं की जियो-टैगिंग की योजना भी बनाई जा रही है. इससे यह प्रमाणित होगा कि जीएसटी पंजीकरण में दी गई जानकारी सही है या नहीं.

बायोमीट्रिक व जियो टैगिंग लागू करने के पीछे का कारण बताते हुए उन्होने कहा कर अधिकारी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा के दायरे को सीमित करने के लिए जीएसटी रिटर्न फाइलिंग प्रणाली में कुछ और सख्ती पर भी चर्चा कर रहे हैं. ऐसा देखा जा रहा है कि आपूर्ति शृंखला में बहुत सारे आपूर्तिकर्ताओं ने करों का भुगतान नहीं किया है.