वायनाड मे आई आपदा की वजह से कब्रिस्तान बन कर रह गई चलियार नदी, अब तक 300 से अधिक मौत

केरल सरकार ने मलप्पुरम में चलियार नदी से सटे आठ पुलिस स्टेशनों को निर्देश दिया है कि वे स्थानीय स्काउट्स और गोताखोरों की टीमों को बुलाएं ताकि आपदा क्षेत्र से सटे इरुवंजिपुझा नदी में बहकर आए वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के शवों को बरामद किया जा सके. बताया जा रहा है की चलियार नदी जो कुछ दिनों पहले जीवन का स्त्रोत थी अब वह वायनाड के भूस्खलन की वजह से महज एक कब्रिस्तान बन कर रह गई है.

Date Updated
फॉलो करें:

Kerala Landslide Updates: 30 जुलाई की सुबह वायनाड में भूस्खलन से मुंडक्कई, अट्टामाला और चूरलमाला बस्तियां नष्ट हो गईं. 1 अगस्त तक, बचावकर्मियों और स्थानीय स्वयंसेवकों ने 58 शवों और 95 शरीर के अंगों को चलियार नदी से निकाला है. इस भूस्खलन ने इरुवंजिपुझा नदी को दो धाराओं में बांट दिया. 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुंदक्कई को चूरामला से जोड़ने वाले मुख्य पुल इस भूस्खलन की वजह से नष्ट हो गया, जो सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक था.

सरकार ने इस समस्या पर लिया एक्शन 

वायनाड में खोज एवं बचाव कार्यों की निगरानी करने वाली कैबिनेट उपसमिति के प्रमुख राजस्व मंत्री के. राजन ने कहा कि नौसेना और तटरक्षक हेलीकॉप्टरों ने कम से कम 12 शवों को खोजने में मदद की है, जो आपदा क्षेत्र से कुछ दूर नीचे की ओर बह रहे थे.

उन्होंने दावा किया था कि चालियार के तट पर अधिक शव बहकर आए होंगे. 2 अगस्त को, वन विभाग के अधिकारी, नौसेना और तटरक्षक बल के कर्मचारी और स्थानीय गाइड शवों की खोज में शामिल होंगे. टीमें पैदल ही किनारे खोजेंगे. स्थानीय लोगों ने चालियार नदी के किनारों पर बहते हुए कई शव मिले हैं. राजन ने इस संभावना से इनकार नहीं किया कि और शव पत्थरों, नरकटों और उखड़े हुए पेड़ों में फंसे होंगे.

40 टुकड़ियां वायनाड के भूस्खलन क्षेत्र मे तैनात 

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने बताया कि 40 टुकड़ियां केंद्रीय और राज्य बलों, स्वयंसेवी बचाव दलों और स्थानीय गाइडों से वायनाड के आपदा क्षेत्र में पहुंच गए हैं.

सेना ने 1 अगस्त को एक बेली पुल का निर्माण किया, ताकि बचावकर्मियों, भारी मिट्टी हटाने वाले उपकरणों और एम्बुलेंसों को 2 अगस्त को मुंदक्कई तक पहुंचाया जा सके.

ये समूह आपदा क्षेत्र में घरों के स्थानों को इंगित करने वाले जीपीएस मानचित्रों से लैस हैं. 20 सदस्यीय दस्तों ने बॉडी बैग, कटिंग मशीन और स्ट्रेचर भी साथ रखे हैं.

सेना और पुलिस के डॉग स्क्वॉड खोज में सहायक हैं. डॉग स्क्वॉड के संचालकों ने पंद्रह स्थानों को चुना है जहां शव दफन किए जा सकते हैं.

सरकार ने स्थानीय स्कूल में डीजल जनरेटर से चलने वाले अस्थायी मुर्दाघर की स्थापना के लिए अधिक जगह की मांग की है. इसने कुछ ड्रोन सहित अधिक ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार की मांग भी उठाई है.

ऐसे जांच उपकरणों से सुसज्जित ड्रोन वायनाड में बचाव अभियान में सहायता के लिए तमिलनाडु सरकार ने चेन्नई से एक पुलिस डॉग स्क्वायड भेजा है.

मदद के लिए सभी मंत्री हुए जमा 

घटना कमांडर ने क्षतिग्रस्त क्षेत्र को छह भागों में बांटा है. सरकार ने बरामद शवों को ले जाने के लिए 25 एम्बुलेंस और कई मोबाइल मुर्दाघर फ्रीजर भी मंगवाए हैं.

शुक्रवार को कार्यों की निगरानी श्री राजन, कैबिनेट उपसमिति के अन्य सदस्यों, लोक निर्माण मंत्री पीए मोहम्मद रियास, वन मंत्री एके ससीन्द्रन और अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री ओआर केलू ने की थी.