Chandigarh News: प्रदेश में पेयजल को लेकर नीतियां अकेले की बनाई जा रही है. इसके लिए आम लोग और पंचायतों से किसी प्रकार का सुझाव नहीं लिया जाता है. लोगों को प्रयाप्त पानी की सुविधा नहीं मिल रही है. जलापूर्ती के लिए 10 वर्ष पूर्व बनी नीति अब तक लागू नहीं हुई है. जनस्वास्थ्य विभाग के अफसरों द्वारा झूठे दावे किए जाते हैं. विभाग सरकार की तरफ से दी जा रही राशि खर्च नहीं कर रही है. ये पूरा खुलासा कैग की रिपोर्ट में किया गया है.
जलापूर्ति के लिए पांच साल में कोई सुधार नहीं किया गया है. साल 2016 में प्रदेश में 1878 गांवों में रहने वाले लोगों को निर्धारित मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा था, 1737 गांवों के लोग निर्धारित पानी मिलने से वंचित रहे. आपको बता दें कि प्रति व्यक्ति की पानी की पूर्ति के लिए दस साल पहले बनी योजना अब तक फेल है. विभाग ने वादा किया था कि सारे घरों में कनेक्शन लगाकर पानी की व्यवस्था की जाएगी. 17 गांवों में गरीब लोगों के लिए जलापूर्ति नहीं की गई है. वहीं प्रदेश के 1737 गांवों में प्रति व्यक्ति के हिसाब से 55 लीटर और 9 शहरों में 135 लीटर पानी ही सप्लाई हो रहा है.
वहीं सीएम भगवंत मान पानी की बचत करने के लिए बहुत सारी योजनाएं ला रहे हैं. धरती का दहन कर पानी निकालने पर सीएम भावुक हो गए थे. उन्होंने कहा है कि धरती माता का दोहन मत करो. वहीं जनस्वास्थ्य विभाग ने पानी की बर्बादी की जांच के लिए मीटर तक नहीं लगाएं हैं.