Chandigarh: पंजाब की आईपीएस अधिकारी एंव चंडीगढ़ की वर्तमान एसएसपी कंवरदीप कौर को सर्वश्रेष्ठ जांच (एक्सीलेंस इन इनेस्टीगेशन) के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से आने वाले 15 अगस्त को सम्मानित किया जाएगा. वहीं सीबीआई सहित अन्य राज्यों के पुलिस बल को सम्मानित करने के लिए 140 जूनियर और सीनियर अधिकारियों को सम्मानित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लिस्ट में आईपीएस अधिकारी कंवरदीप कौर और डीएसपी दलबीर का नाम सामने आया है. वहीं कंवरदीप कौर को 7 वर्षीय बच्ची से बलात्कार करने वाले दरिंदे को 11 माहीनें के अंदर फांसी की सजा दिलाने के लिए सम्मानित किया जा रहा है. डीएसपी दलबीर सिंह को मोगा में बेअदबी आरोपियों को जेल पहुंचाने में अहम रोल के लिए दिया जा रहा है.
कंवरदीप ने बताया कि बच्ची की हालत देख मेरी रूह कांप उठी. मैं भावुक बहुत हुई लेकिन 2 घंटे में आरोपी को पकड़ लिया. 12 दिन में चालान काट कर 11 महीनों में सबूत पेश की और आरोपी को फांसी की सजा दिलवाई. मैं कपूरथला में एसएसपी थी. मुझे 7 वर्षीय बच्ची से रेप वाली घटना का पता चला. दरिंदा बच्ची को बिस्किट दिलाने के बहाने साथ ले गया था. वहीं उसने रेप के बाद लकड़ी से यूट्रस को घायल कर दिया था.
कंवरदीप ने आगे कहा कि उसे अमृतसर के अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा. मैं उस बच्ची से मिलने अस्पताल में पहुंची. बच्ची का यूट्रस पूरी तरह जख्मी हो गया था. जिसे रिमूव करना पड़ा. ये सब देख मेरी रूह कांपने लगी. आखिर मैं भी किसी की बेटी हूं. मैंने तुरंत अपनी टीम के साथ बैठक की. आरोपी मुकेश को 2 घंटे में ही गिरफ्तार कर लिया गया. जिसके बाद अपनी टीम अधिकारी सहित अन्य आला अधिकारियों से मीटिंग कर आरोपी के खिलाफ तमाम सबूत जुटाने में लग गई.
एसएसपी ने दूसरे दिन फॉरेंसिक लैब में मिले सबूतों की जांच करवाने ले गई. सभी गवाहों के आधार पर जांच रिपोर्ट तैयार कर 12 दिन में ही पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश किया. 11 माह तक केस चलने के बाद अदालत ने आरोपी को फांसी की सजा दी.
कंवरदीप ने बताया कि जांच के दरमियान स्थानीय लोगों ने बच्ची के परिवार को डोनेशन देने का फैसला किया. स्थानीय एनजीओ सहित शहर के लोगों ने बढ़चढ़कर इसकी मदद की. जिला पुलिस ने उन तमाम डोनेशन को इकठ्ठा कर बच्ची के परिवार के नाम एफडी करवा दी. बच्ची अब ठीक है. तबीयत थोड़ी खराब होने के बावजूद भी स्कूल जाती है.