Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 की कामयाबी से चंद्रमा के साथ -साथ पृथ्वी और पूरे ब्रह्मांड की बेहतर समझ होने वाली है. इंसान को वहां बसाने की संभावनाओं को तलाशा जाएगा. इतने कम खर्च में मिशन लॉन्च करने में सफलता मिलेगी. चंद्रमा पर भविष्य में स्टेशन बन सके इसकी पूरी तलाशी की जाएगी. 9 साल की कड़ी मेहनत के बाद 41 दिन की यात्रा करके चंद्रयान-3 आज चांद पर पहुंचने वाला है. ये यान 14 दिनों तक चांद पर पूरी तरह से एक्टिव रहेगा. इस दरमियान गर्मी, भूकंप, पानी, खनिज, और मिट्टी की के बारे में पूरी जानकारी हासिल करेगा.
चंद्रयान गान पर भरतनाट्यम
महाराष्ट्र में कुचिपुड़ी एंव भरतनाट्यम नर्तक पूजा हिरवाडे के द्वारा चंद्रयान गान और नमो नमो भारताम्बे पर भरतनाट्यम प्रस्तुत किया गया. उन्होंने कहा कि भारत का चंद्रयान-3 आज चंद्रमा पर अपना कदम रखने के लिए हर तरह से तैयार है. जिसको देखते हुए मैंने चंद्रयान एंथम पर भरतनाट्यम किया है. यह पल पूरे भारत के लिए यादगार, गौरवपूर्ण, इतिहास में इसे हमेशा याद किया जाएगा. उन सभी वैज्ञानिकों को दिल से आभार और शुभकामनाएं देता हूं. जिन्होंने कड़ी मेहनत करके भारत को गौरवांवित किया है.
साइंटिस्ट सुधांशु का चंद्रयान 3 का सफर
चंद्रयान 3 मिशन में वैज्ञानिक सुधांशु ने अपनी बड़ी भूमिका अदा की है. ये इसरो हरिकोटा में बतौर वैज्ञानिक हैं. चंद्रयान 3 को बनाने की 30 लोगों की महत्वपूर्ण टीम में सुधांशु तीसरे नंबर के वैज्ञानिक हैं. सैटेलाइट को ऑर्बिट तक पहुंचाने का काम लॉन्च व्हीकल की सहायता से किया गया है. सुधांशु मुख्य रूप से बिहार के रहने वाले हैं. उन्होंने वर्ष 2021 में इसरो वैज्ञानिक के रूप में ज्वाइन किया था.