Chandrayaan 3 Update: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन ने चांद की सफर के लिए 14 जुलाई को अपना मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च किया था. यह मिशन चाँद के और करीब पहुंच गया है. लॉन्चिंग के पूरे एक महीने यानी कि 14 अगस्त को चंद्रयान-3 चाँद के चौथे ऑर्बिट में प्रवेश कर लिया है और 150 km x 177km वाली कक्षा में चक्कर लगा रहा है. इसरो ने इस संबंध में ट्विटर पर एक पोस्ट साझा किया है.
इसरो ने ट्वीट में लिखा है- चंद्रयान-3 ने कक्षा घटाए जाने का एक चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. 16 अगस्त को चंद्रयान-3 मिशन चाँद के और करीब पहुंच जाएगा. इसरो ने इस संबध में इससे पहले भी एक पोस्ट किया था जिसमें लिखा था- भारत का अंतरिक्ष यान आज 14 यानी 14 अगस्त को अपना आखिरी चक्कर लगाने के बाद 11 बजकर 30 मिनट से लेकर 12 बजकर 30 मिनट के बीच चाँद की सतह के और करीब पहुंच जाएगा. अभी चंद्रयान-3 चांद की सतह से करीब 1437 किलोमीटर दूरी पर हैं.
चांद पर पहुंचने वाला भारत बन जाएगा चौथा देश-
इसरो यानी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन ने 14 जुलाई को अपना मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च किया था. इस मिशन के तीन महत्वपूर्ण सीक्वेंस हैं. पहला हिस्सा धरती पर केंद्रित है. दूसरा हिस्सा चांद के रास्ते पर हैं और तीसरा चांद पर पहुंचना इन तीनों स्टेजों को पूरा होते हीं लैंडर प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो जाएगा जिसके बाद लैंडर चांद की सतह पर उतरने के लिए प्रोसेस शुरू करेगा. अगर भारत का यह मिशन ये करने में कामयाब हो जाते हैं तो रूस अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का चौथा देश बन जाएगा. हालांकि लैंडिंग करने की जगह तय नहीं की गई है.
चंद्रयान 2 की असफलता को देखते हुए किया गया अध्ययन-
आपको बता दें कि इस बार इसरो ने चंद्रयान-2 की असफलता को देखते हुए इस मिशन की खामियों को समझने के लिए वैज्ञानिकों ने गहन अध्ययन किया है. ताकि इस बार चंद्रयान-3 की लैंडिंग में कोई दिक्कत न आए और यह मिशन सफलतापूर्वक चांद की सतह पर लैंडिंग हो जाए. भारत का चांद की ओर हर एक कदम बढ़ना मील के पत्थर के बराबर साबित हो रहा है. पूरे देश के लोग चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के लिए प्रार्थना कर रहे हैं.