China-Taiwan Tension: चीनी सेना ने ताइवान के चारों ओर उड़ाए लड़ाकू विमान, ताइवन ने मैप जारी कर दी जानकारी

China-Taiwan Tension: यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच चीन और ताइवान में तनाव का माहौल है। पिछले एक महीने में चीन ने दूसरी बार अपने फाइटर जैट का ताइनवान की सीमा के पास तैनात किए है। दुनिया भर में चीन अपनी विस्तारवाद नीति के लिए जाना जाता है। बड़ी सैन्य ताकत के चलते चीन अपने पड़ोसी देशों […]

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China-Taiwan Tension: यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच चीन और ताइवान में तनाव का माहौल है। पिछले एक महीने में चीन ने दूसरी बार अपने फाइटर जैट का ताइनवान की सीमा के पास तैनात किए है।

दुनिया भर में चीन अपनी विस्तारवाद नीति के लिए जाना जाता है। बड़ी सैन्य ताकत के चलते चीन अपने पड़ोसी देशों पर धौंस जमाता आया है। अब खबर है कि चीन ने अपने पड़ोसी देश ताइवान के सीमा क्षेत्र की ओर दर्जनों लड़ाकू विमान और ड्रोन तैनात करते हुए ताइवान के एयरस्पेस को बंद करने की कोशिश की है। जानकारी के मुताबिक, इनमें कुछ रूसी लड़ाकू विमान भी शामिल है।

शुक्रवार को ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने चीनी लड़ाकू विमानों की घुसपैठ की जानकारी दी है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस महीने की शुरुआत में 3 दिनों की मिलिट्री ड्रिल करने के बाद चीन ने फिर से अपने लड़ाकू विमानों को ताइवान की हवाई सीमा में भेजकर उल्लंघन किया है। मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर एक मैप जारी करते हुए बताया कि चीन के 19 विमान तो ताइवान की हवाई सीमा के बेहद नजदीक आ गए थे। इनमें रूस से लिए गए सुखोई 30 विमान भी शामिल है।

अमेरिका की डिफेंस कंपनियों से बौखलाया ड्रैगन

मीडिया रिपोर्ट्स मुताबिक, ताइवन की हवाई सीमा के पास चीन के करीब 38 फाइटर जैट गुजरे है। डिफेंस एक्सपर्ट का कहना है कि चीन ने यह हरकत ऐसे समय में की है जब ताइवान ने बताया कि अमेरिका की कई डिफेंस कंपनियों के मालिक देश का दौरा करने वाले है। अमेरिकी कंपनियां सैन्य उपकरणों को लेकर ताइवान की कंपनियों से बातचीत करेंगी। माना जा रहा है कि अमेरिका की ओर से ताइवान को हथियार मुहैया कराएं जाएंगे। इस वजह से चीन बौखलाया हुआ है।

चीन ने अमेरिका पर युद्ध भड़काने का लगया था आरोप

अमेरिकी डिफेंस कंपनियों को लेकर चीन के रक्षा मंत्रालय ने पिछले दिनों अमेरिका पर युद्ध भड़काने का आरोप लगाया था। चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ये दुनिया में हथियार बेचकर अपने मुनाफे के लिए वॉर टेक्नीक दूसरों को देते हैं और हथियार बेचने के लिए युद्ध करवाते हैं। बता दें कि ऐसा ही आरोप अमेरिका पर यूक्रेन युद्ध के बीच रूस ने लगया था।