Citizenship Amendment Act: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है. कानून बनने के चार साल बाद सरकार अब इसे लागू करने वाली है. केंद्र सरकार के उच्च अधिकारियों के अनुसार, चुनाव से पहले इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा. इसके साथ ही सरकार का कहना है कि चार साल से ज्यादा की देरी के बाद अब CAA के लागू होने के लिए नियम जरूरी है.
नागरिकता संशोधन कानून लागू होने को लेकर जानकारी देते हुए केंद्र सरकार के उच्च अधिकारियों ने बताया कि 'CAA के नियम लोकसभा चुनाव से बहुत पहले अधिसूचित कर दिए जाएंगे. जल्द ही सरकार CAA के लिए नियम जारी करने जा रही है, एक बार नियम जारी होने के बाद कानून लागू किया जा सकता है. जिसके बाद पात्र लोगों को नागरिकता दी जा सकेगी".
उच्च अधिकारियों के अनुसार, नागरिकता संशोधन कानून को लेकर नियमों के साथ ही ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार किया जा चुका है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इसकी पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. इसके लिए आवेदकों को वो साल बताना होगा, जब उन्होंने उचित कागज के बिना भारत में प्रवेश किया था.
हालांकि इसके लिए आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे. इसके बाद गृह मंत्रालय इसकी जांच करेगा और उसके बाद आवेदकों को नागरिकता जारी कर दी जाएगी. इसके तहत भारत से बाहर के प्रताड़ित अल्पसंख्यक ऑनलाइन आवेदन करके नागरिकता ले सकेंगे.
नागरिकता संशोधन कानून साल 2019 में संसद से पास हुआ था. इस कानून के तहत भारतीय नागरिकता की परिभाषा तय की गई है. इस कानून के जरिए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिमों को भारत की नागरिकता दी जाएगी. हालांकि संसद से ये कानून पास होने के बाद देश के कुछ हिस्सों में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन हुए थे.
गृह मंत्रालय ने 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट में अब तक कितने गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों को भारतीय नागरिकता दी गई है, इसकी संख्या भी बताई है. जारी रिपोर्ट के अनुसार, 1 अप्रैल 2021 से 31 दिसम्बर 2021 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अलसंख्यक गैर-मुस्लिम समुदायों के 1414 विदेशियों को भारतीय नागरिकता दी गई है.
जिन 9 राज्यों में इन लोगों को नागरिकता दी गई हैं उनमें गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र शामिल है.