Punjab News: आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने गुरुवार को कहा कि राज्य में चिटफंड कंपनी परल ग्रुप की सभी संपत्तियों को राज्य सरकार अपने कब्जे में ले लेगी। मुख्यमंत्री के हवाले से एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ”सरकार ने पंजाब में चिट फंड कंपनी “परल” ग्रुप की सभी संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।”
बता दें कि पर्ल ग्रुप ने 5 करोड़ इन्वेस्टर्स से 60,000 करोड़ रुपए कलेक्ट किए। पर्ल ग्रुप ने देशभर में बिना मंजूरी के अलग-अलग इन्वेस्टमेंट स्कीम चलाई और इन्वेस्टर्स को धोखा दिया। इस मामले में CBI ने दिल्ली, चंडीगढ़, कोलकाता, भुवनेश्वर और कुछ अन्य राज्यों से 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआई ने मामले की जांच पड़ताल शुरू की थी। आरोपियों में पर्ल ग्रुप से जुड़े मनमोहन कमल महाजन, मोहनलाल, सेहजपाल, चन्द्र भूषण ढिल्लन, प्रेम नाथ, कंवलजीत सिंह हैं। इनके अलावा प्रवीन कुमार अग्रवाल, मनोज कुमार जैन, आकाश अग्रवाल, अनिल कुमार खेमका, सुभाष अग्रवाल, राजेश अग्रवाल को भी गिरफ्तार किया गया।
सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश और जांच पड़ताल करने के बाद सीबीआई ने मेसर्स पीजीएफ लिमिटेड, मेसर्स पीएसीएल लिमिटेड, निर्मल सिंह भूंगू और पर्ल्स ग्रुप के दूसरे डायरेक्टर्स के खिलाफ केस दर्ज किया। इसके बाद उनके खिलाफ जांच शुरू की थी। मामले में सुब्रता भट्टाचार्य, गुरमीत सिंह, निर्मल सिंह भंगू, सुखदेव सिंह को 8 जनवरी 2016 में गिरफ्तार करके इनके खिलाफ 7 अप्रैल 2016 को चार्जशीट दाखिल की गई थी। लोढ़ा कमिटी का गठन 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने किया था। कमेटी ने पीएसीएल और उससे जुड़ी संस्थाओं की संपत्तियों को बेचकर 878.20 करोड़ रुपये रिकवर कर लिए हैं। कुल वसूली में PACL की 113 संपत्तियों की नीलामी से मिले 86.20 करोड़ रुपये भी शामिल हैं।