Sambhal Mosque Controversy: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार को उस समय हिंसा भड़क उठी, जब एक समूह ने अदालत के आदेश पर चल रहे मस्जिद सर्वेक्षण का विरोध किया. यह सर्वेक्षण एक शिकायत के आधार पर शुरू किया गया था, जिसमें कहा गया था कि मुगलों ने एक मंदिर को ध्वस्त कर शाही जामा मस्जिद का निर्माण किया था.
जब सर्वेक्षण दल ने मस्जिद का दौरा किया तो शाही जामा मस्जिद के पास सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्र हो गए. इस सर्वे को सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन की शिकायत के बाद शुरू किया गया था. जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद का स्थल कभी एक हिंदू मंदिर हुआ करता था. सर्वेक्षण के दौरान भीड़ ने पथराव करना शुरू कर दिया. जिसके बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे.
मस्जिद के बाहर स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने मौके पर भारी बल तैनात कर दिया. पुलिस अधिकारियों ने भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया, लेकिन जब प्रदर्शनकारी शांत नहीं हुए तो पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया. शाही जामा मस्जिद के प्रमुख ने भी मस्जिद के अंदर से एक घोषणा की. जिसमें प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण तरीके से तितर-बितर होने की अपील की गई लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ. पिछले कुछ दिनों से इस क्षेत्र में तनाव बढ़ा हुआ था. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. प्रशासन ने भी पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लागू कर दी थी. इसके अलावा 19 नवंबर को इसी जगह पर एक और सर्वेक्षण किया गया था, जिसमें मस्जिद के आसपास के हालात का जायजा लिया गया था.
उत्तर प्रदेश के पुलिस अधीक्षक प्रशांत कुमार ने घटनास्थल पर मौजूद मीडिया से कहा कि कोर्ट के आदेश पर संभल में सर्वेक्षण किया जा रहा है. कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया है. पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं. स्थिति नियंत्रण में है और पुलिस पथराव करने वालों की पहचान कर उचित कानूनी कार्रवाई करेगी. यह सर्वेक्षण सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन की याचिका के बाद हुआ था. जिसमें दावा किया गया था कि शाही जामा मस्जिद का स्थान कभी हरि हर मंदिर हुआ करता था. इस विवादित मस्जिद को लेकर पहले भी कई बार कानूनी और धार्मिक विवाद उठ चुके हैं. जैन और उनके पिता हरि शंकर जैन हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करते हुए कई पूजा स्थल विवादों में शामिल रह चुके हैं. जिनमें ज्ञानवापी-काशी विश्वनाथ मामला भी शामिल है.