Lok Sabha Election : लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों में सियासी हलचल तेज हो गई है. जहां एक तरफ एनडीए का कुनबा बढ़ता जा रहा है. आय दिन नए चेहरे एनडीए के साथ जुड़ रहे हैं. तो वहीं, विपक्षी गठबंधन इंडिया को झटके पर झटके लग रहा हैं. लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया अलायंस बिखरता दिखाई दे रहा है. जब विपक्षी दलों के गठबंधन को एकसाथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरना चाहिए. तो उनके बीच की कलह खुलकर सामने आ रही है. यूपी में पिछले छह दिनों में ही इंडिया अलाइंस को चार बड़े झटके लग चुके हैं जिससे विपक्ष की लड़ाई कमजोर होती दिख रही है.
यूपी में सपा का एजेंडा
चुनाव से पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पीडीए का मुद्दा सामने रख दिया है. सपा ने लोकसभा चुनाव में पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक को अपना एजेंडा रखा है. सपा का कहना है कि पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक मिलकर एनडीए का सामना करेंगे. पीडीए गठबंधन यूपी में ही एनडीए को सत्ता में जाने से रोकेगा.
यूपी में इंडिया गठबंधन को झटका
उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन कमजोर होता दिखाई दे रहा है. सबसे पहले राष्ट्रीय लोकदल ने गठबंधन से अपना रिश्ता तोड़ा, जयंत चौधरी ने सीटों के बंटवारे को लेकर नाराजगी जताई थी. जिसके बाद राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने तमाम अटकलों के बीच एनडीए में जाने का एलान कर दिया. पीएम नरेंद्र मोदी ने जैसे ही जयंत चौधरी के दादा चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का एलान किया. जयंत का दिल खुश हो गया. 12 फ़रवरी को जयंत चौधरी ने कहा कि उन्होंने पार्टी के सभी विधायकों से बात करने के बाद एनडीए में जाने का फ़ैसला लिया है.
वहीं, इंडिया गठबंधन में कांग्रेस पार्टी को झटका तब लगा जब 14 फरवरी को पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे विभाकर शास्त्री ने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया और कुछ समय बाद बीजेपी में शामिल हो गए. उन्होंने यूपी की फ़तेहपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन, वो चुनाव हार गए थे.