मणिपुर में विधानसभा सत्र नहीं बुलाने पर कांग्रेस का आरोप: संविधान की अवमानना की गई

नई दिल्ली:  कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को मणिपुर विधानसभा का सत्र छह महीने से अधिक समय तक न बुलाए जाने को संविधान के अनुच्छेद 174 का उल्लंघन और संविधान की अवमानना करार दिया है. पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मणिपुर की मौजूदा स्थिति पर भी चिंता जताई है.

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Courtesy: social media

नई दिल्ली:  कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को मणिपुर विधानसभा का सत्र छह महीने से अधिक समय तक न बुलाए जाने को संविधान के अनुच्छेद 174 का उल्लंघन और संविधान की अवमानना करार दिया है. पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मणिपुर की मौजूदा स्थिति पर भी चिंता जताई है.

कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा, "मणिपुर विधानसभा का सत्र छह महीने से अधिक समय तक न बुलाना संविधान का उल्लंघन है. यह देश की सर्वोच्च कानून व्यवस्था का उल्लंघन करने जैसा है." उन्होंने आगे कहा, "इससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार मणिपुर के लोगों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रही हैं."

रमेश ने मणिपुर के लोगों की कठिनाइयों का जिक्र करते हुए कहा, "मणिपुर के लोग अभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंतजार कर रहे हैं. केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री की ओर से राज्य में बढ़ती समस्याओं के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है." 

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मणिपुर के लोगों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है और सरकार उनकी समस्याओं की अनदेखी कर रही है. पार्टी ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे मणिपुर की स्थिति को समझें और वहां की जनता को जल्द से जल्द राहत देने के लिए आवश्यक कदम उठाएं.
  
कांग्रेस का यह आरोप मणिपुर में राजनीतिक और संवैधानिक संकट की ओर इशारा करता है, और इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों की सक्रियता बढ़ने की संभावना है. अब यह देखना होगा कि केंद्र सरकार इस विवाद पर किस तरह प्रतिक्रिया देती है.

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