Congress Donation Campaign: कांग्रेस क्यों चला रही 'डोनेट फॉर देश कैंपेन', जानें क्या है क्राउड फंडिंग?

Congress Donation Campaign: कांग्रेस ने पार्टी के 138वें स्थापना दिवस या 19 दिसंबर को देशभर में  'डोनेट फॉर देश' कैंपेन की शुरुआत की. कांग्रेस 'डोनेट फॉर देश' अभियान के जरिए पार्टी के लिए चंदा जुटाएगी.

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Congress Donation Campaign: कांग्रेस पार्टी ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए आज से 'डोनेट फॉर देश' अभियान की शुरुआत कर दी है. कांग्रेस ने पार्टी के 138वें स्थापना दिवस या 19 दिसंबर को देशभर में  'डोनेट फॉर देश' कैंपेन की शुरुआत की. कांग्रेस की तरफ से बताया गया कि इस कैंपेन के जरीए पार्टी को आर्थिक रूप से मजबूत करना है. जिसकी शुरूआत कांग्रेस ने 19 दिसंबर से कर दी है. वहीं विपक्ष कांग्रेस के इस कैंपेन को लेकर सवाल उठा रहा है. ऐसे में पार्टी के फंड को लेकर तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं कि क्या कांग्रेस के पास वाकई में इतने कम पैसे हैं या उसे कॉर्पोरेट फंडिंग नहीं मिल रही है और इसलिए उसे क्राउंडफंडिंग कैंपने चलाने की जरूरत पड़ गई है.

'डोनेट फॉर देश' कैंपेन का लक्ष्य

कांग्रेस 'डोनेट फॉर देश' अभियान के जरिए पार्टी के लिए चंदा जुटाएगी. क्राउडफंडिंग के जरिए कांग्रेस का पहला टारगेट 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए फंड इकठ्ठा करना है. वहीं इस अभियान के जरिए कांग्रेस का दूसरा लक्ष्य जनता से कनेक्ट करना है. पिछले कई सालों में कांग्रेस पार्टी की कमाई में कमी आई है. वहीं, भाजपा पार्टी आर्थिक रूप से अधिक मजबूत हुई है. साल 2014 से कांग्रेस की कमाई 2022 में घटकर 541 करोड़ रुपये रह गई. राजनीतिक दलों की फंडिंग पर नजर रखने वाले एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है.

कितनी घटी कांग्रेस की कमाई

बता दें, ADR की रिपोर्ट में दावा किया गया कि साल 2014-15 में पॉलिटिकल फंडिंग के रूप में कांग्रेस के खाते में 765 करोड़ रुपये जमा हुए है. लेकिन अगले तीन सालों में पॉलिटिकल फंडिंग में कमी आई है. साल 2017-18 में कांग्रेस को सिर्फ 199 करोड़ रुपये की फंडिंग हुई और 2019-20 में लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी को 998 करोड़ रुपये की फंडिंग हुई और अगले एक साल में इसमें फिर से कमी आ गई. 2021-22 में कांग्रेस को पॉलिटिकल फंडिंग के जरिए 541 करोड़ रुपये मिले. कांग्रेस ने भी क्राउडफंडिंग के लिए वेबसाइट पर पूरा ब्यौरा दिया है.  बता दें, इस अभियान के लिए 18 साल से अधिक उम्र के भारतीय 138 रुपये, 1,380 रुपये, 13,800 रुपये या फिर इससे 10 गुने की राशि चंदे के रूप में दे सकते हैं.

इस अभियान के तहत कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों से चंदा इकट्ठा करेंगे. हर बूथ से कम से कम दस घरों से चंदा इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा गया है. कांग्रेस पार्टी को उम्मीद है कि वह इस अभियान के जरिए अच्छा खासा चंदा जमा कर लेगी, जिसके जरिए उसे 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव लड़ने में मदद मिलेगी. वर्तमान में बीजेपी देश की सबसे अमीर पार्टी है, जिसके बाद दूसरे नंबर पर कांग्रेस है. हालांकि, दोनों के बीच आय का गैप बहुत ही ज्यादा है.

क्राउडफंडिंग क्या है?

देश में इन दिनों क्राउडफंडिग की चर्चा जोरों से चल रहीं है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्राउड फंडिंग क्या होती है. किसी खास प्रोजेक्ट, सामाजिक कल्याण के काम या बिजनेस वेंचर के लिए जब हम आम जनता से छोटी-छोटी रकम चंदा देने की अपील करते है, तो ये क्राउडफंडिंग कहलाती है. क्राउडफंडिंग को इक्कठ्ठा करने के लिए हम किसी वेबसाइट, app या वेब आधारित प्लेटफॉर्म या सोशल नेटवर्किंग का इस्तेमाल करते हैं. इनके जरिए फंड जुटाने वाला व्यक्ति या संस्था संभावित दानादाताओं या निवेशकों को फंड जुटाने की वजह बताता है और उस मुहिम में आम जनता कैसे योगदान कर सकती हैं. इसका पूरा ब्योरा जनता को दिया जाता है.