Ayodhya Ram Mandir: भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या सज रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा करेंगे. इसे लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. जैसे-जैसे 22 जनवरी की तारीख नजदीक आ रही है इसे लेकर सियासत भी तेज हो गई है. वहीं, प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कांग्रेस के दिग्गज नेता नहीं शामिल होंगे. कांग्रेस नेताओं ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शिरकत होने से मना कर दिया है. कांग्रेस आलाकमान के इस फैसले से पार्टी के कुछ नेताओं में नाराजगी है. गुजरात के कांग्रेस विधायक मोढवाडिया ने आलाकमान के फैसले पर आपत्ति जाहिर की है. वहीं कांग्रेस के इस फैसले पर पार्टी नेता आचार्य प्रमोद ने भी प्रतिक्रिया दी है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सांसद सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने कार्यक्रम में जाने के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है. कांग्रेस ने इसे वोट की राजनीति बताया है. कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि राम मंदिर के कार्यक्रम को बीजपी और आरएसएस का इवेंट हैं. वहीं, कांग्रेस ने इन नेताओं के न जाने के फैसले को सही ठहराया गया है.
कांग्रेस नेताओं ने फैसले का किया विरोध
वहीं, कांग्रेस के इस फैसले का पार्टी के ही नेताओं ने विरोध किया है. कांग्रेस के कुछ नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है. गुजरात के कांग्रेस विधायक अर्जुन मोढवाडिया ने आलाकमान के फैसले पर आपत्ति जाहिर की है.
कांग्रेस विधायक अर्जुन मोढवाडिया ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा,'भगवान श्री राम आराध्य देव हैं. यह देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय है. कांग्रेस को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था.'
भगवान श्री राम आराध्य देव हैं।
— Arjun Modhwadia (@arjunmodhwadia) January 10, 2024
यह देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय है। @INCIndia को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था। pic.twitter.com/yzDTFe9wDc
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने भी कांग्रेस के फैसले को दुर्भाग्य पूर्ण बताते हुए कहा कि, 'राम मंदिर के निमंत्रण को ठुकराना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और आत्मघाती फैसला है,आज दिल टूट गया.'
कांग्रेस ने अस्वीकार किया प्राण प्रतिष्ठा का न्योता
कांग्रेस की तरफ से बयान जारी कर बताया गया कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा नहीं लेगी. कांग्रेस ने बयान जारी कर बीजेपी पर चुनावी लाभ उठाने का आरोप लगाया. कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने बयान जारी कर बताया कि कांग्रेस पार्टी ने कहा कि धर्म व्यक्तिगत मामला है, लेकिन आरएसएस और बीजेपी ने अयोध्या मंदिर को एक राजनीतिक प्रोजेक्ट बना दिया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, अधीर रंजन चौधरी ने राम मंदिर के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया.
बीजेपी नेता कांग्रेस पर हुए हमला
वहीं, कांग्रेस के बयान के बाद सियासी घमासान मच गया हैं. बीजेपी नेता कांग्रेस पर हमलावर हो गए है. कांग्रेस के इस बयान के बाद भाजपा नेता मनोज तिवारी ने पलटवार करते हुए कहा, 'मैं बड़े स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि जो लोग राम को मानते ही नहीं थे, वो कुछ भी बहाना बना सकते हैं. ये कार्यक्रम न्यास का है. न्यास ने राम मंदिर के उद्घाटन के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया है. उद्घाटन तो पीएम मोदी के हाथ से होना ही चाहिए था.'
वहीं, कांग्रेस पर पलटवार करते हुए बीजेपी नेता अनिल एंटनी ने कहा कि, 'विनाशकाले विपरीतबुद्धि! कांग्रेस अब भारत की राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक वास्तविकताओं और भावनाओं से पूरी तरह से कट गई है. इन दिनों कांग्रेस की ओर से लिए गए हर फैसले कुछ वामपंथी चरमपंथियों को बढ़ावा देने और शीर्ष पर बैठे नेताओं के आसपास के कुछ कट्टरपंथी अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए है.'