संविधान के 75 साल पूरे होने पर संसद में दो दिवसीय डिबेट का आयोजन, पक्ष-विपक्ष में होगी बहस

Lok Sabha Special Debate: भारत के संविधान को लागू हुए 75 साल हो चुके हैं. इस खास मौके पर संसद में डिवेट का आयोजन किया गया है. 13 और 14 दिसंबर को पक्ष और विपक्ष के बीच संविधान पर चर्चा का आयोजन किया गया है.

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Courtesy: Social Media

Lok Sabha Special Debate: लोकतांत्रिक देश में संविधान ही सब कुछ होता है. ये संविधान देश के सभी नागरिकों के लिए समान होता है और इसे सभी लोग फॉलो करते हैं. हमारे देश में संविधान को अपनाए हुए 75 साल हो चुके हैं. इस खास मौके पर देश लोकसभा में संविधान पर दो दिवसीय चर्चा का आयोजन किया गया है.

इस चर्चा में पक्ष और विपक्ष दोनों के नेता संविधान को लेकर बात करेंगे. समाचार एजेंसी पीटीआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह निचले सदन में संविधान पर बहस की शुरुआत कर सकते हैं. जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में इसी तरह की बहस की शुरुआत कर सकते हैं.

पीएम मोदी दे सकते हैं जवाब 

संसद में होने वाले इस चर्चा का जिक्र सूचीबद्ध एजेंडों में भी किया गया है. जिसके मुताबिक 13 और 13 दिसंबर को भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर विशेष चर्चा की जाएगी. मिल रही जानकारी के मुताबिक चर्चा प्रश्नकाल के बाद शुरू होगी. जिसे निचले सदन के एजेंडे में भी सूचीबद्ध किया गया है. मीडिया रिपोर्ट के मानें तो विपक्षी की ओर से राहुल गांधी सवाल करेंगे वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को लोकसभा में दो दिवसीय बहस का जवाब दे सकते हैं. हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि इस डिबेट का प्रतिनिधत्व वायनाड सांसद प्रियंका गांधी करेंगी. अगर ऐसा होता है तो प्रियंका गांधी का संसद में पहला बहस होगा. 

बहस से पहले दोनों दलों के नेता ने की बैठक

दो दिवसीय बहस से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने एक रणनीति बैठक की. जिसमें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा अमित शाह और राजनाथ सिंह भी शामिल हुए. शाह ने इससे पहले संसद स्थित अपने कार्यालय में नड्डा, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू सहित भाजपा के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की. विपक्षी कांग्रेस ने भी पार्टी मुख्यालय में एक रणनीति बैठक की, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी के अलावा केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश सहित अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए. संसद का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त होने की संभावना है.

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