Raghav Chadha: सोमवार को भारतीय जनता पार्टी द्वारा पेश किया गया दिल्ली सर्विस विधेयक पारित हो गया. लेकिन इस बीच आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा विवादों में में घिर गए.
उन पर 5 राज्यसभा सांसदों ने “फ़र्ज़ी हस्ताक्षर” कराने का आरोप लगाकर विशेषाधिकार हनन की शिकायत की है.
इम मसले पर पूर्व लोकसभा महासचिव और संविधान विशेषज्ञ पीडीटी आचार्य राघव चड्ढा के विवाद पर कहा कि “चयन समिति के लिए सहमति साबित करने के लिए किसी भी सदस्य के हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं है.”
उन्होंने आगे ये भी कहा कि हस्ताक्षर नहीं होने से किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े का सवाल ही नहीं उठता है.
दरअसल, राघव चड्ढा इस विधेयक को सिलेक्ट कमिटी के पास भेजने का प्रस्ताव लेकर आए थे. इस प्रस्ताव पर 4 सांसदों के नाम शामिल किए गए थे, जिनका कहना है कि उन्होंने इस पर हस्ताक्षर ही नहीं किए, ना ही उन्हें इस बात की कोई जानकारी थी कि उनके नाम इस प्रस्ताव के समर्थन में शामिल किए जा रहे हैं.