महाकुंभ मेले के बीच में मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा स्थापित करने पर विवाद शुरू, संत समाज ने जताया विरोध

महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हो चुका है. हालांकि महाकुंभ मेले के बीच में लगी समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा को लेकर विवाद शुरू हो गया है. इसे लेकर संत समजा ने विरोध जताया है.

Date Updated
फॉलो करें:
Courtesy: Social Media

Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 की आज से शुरुआत हो चुकी है. इसी के साथ कुंभ मेले में स्थापित समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. प्रयागराज के सेक्टर 16 स्थित एक शिविर में शनिवार को लगभग दो-तीन फीट ऊंची इस प्रतिमा का अनावरण किया गया, जिसे लेकर संत समाज ने कड़ी आपत्ति जताई है.  

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि मुलायम सिंह यादव हिंदू विरोधी और सनातन विरोधी विचारधारा के रहे हैं. उन्होंने प्रतिमा स्थापना को राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी घटनाओं की याद दिलाने का प्रयास बताया है. जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद ने भी महंत रवींद्र पुरी की बातों का समर्थन किया और मूर्ति स्थापना की निंदा को उचित ठहराया.  

पार्टी कार्यालय में होगा स्थानांतरित

समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे ने कहा कि यह प्रतिमा प्रतीकात्मक रूप से स्थापित की गई है. उन्होंने बताया कि शिविर का उद्देश्य मुलायम सिंह यादव के विचारों को बढ़ावा देना है. उनका कहना है कि शिविर में तीर्थयात्रियों का स्वागत किया जाएगा, जहां भोजन और आवास की व्यवस्था भी होगी.

माता प्रसाद पांडे ने यह स्पष्ट किया कि महाकुंभ के बाद इस प्रतिमा को पार्टी कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि शनिवार को संगम में डुबकी लगाई और आगे भी महाकुंभ में हिस्सा लेने की योजना है. हालांकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव के आयोजन में शामिल होने को लेकर कोई पुष्टि नहीं की गई है.  

संत समाज ने जताया विरोध

उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव भारतीय राजनीति के प्रमुख चेहरों में से एक थे. वह 10 बार विधायक और सात बार सांसद चुने गए. 10 अक्टूबर 2022 को उनका निधन हो गया. इसके बाद भी उनकी प्रतिमा को लेकर विवाद हो रहा है. संत समाज का मानना है कि महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन में इस प्रकार की प्रतिमा स्थापना अनुचित है, जबकि सपा इसे अपनी विचारधारा को बढ़ावा देने का एक प्रयास मानती है. अब आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद आने वाले दिनों में क्या मोड़ लेता है.  

Tags :