West Bengal: यह देश कानून, CAA को लागू करने से कोई नहीं रोक सकता... अमित शाह ने फिर भरी हुंकार

Lok Sabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश में सीएए कानून को लागू करने से कोई रोक नहीं सकता है, क्योंकि देश का कानून है.

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हाइलाइट्स

  • सीएए को लागू करने से कोई नहीं रोक सकता: अमित शाह
  • साल 2019 में संसद से नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया था.

Lok Sabha Election 2024: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार (26 दिसंबर 2023) को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू करने से कोई रोक नहीं सकता है. क्योंकि यह देश कानून है. उन्होंने वेस्ट बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर इस कानून के प्रति लोगों को गुमराह करने के आरोप लगाया है. नेशनल लाइब्रेरी में प्रदेश भाजपा इकाई के आईटी सेल को संबोधित करते हुए सीएए लागू करने की बात को दोहराया  है. 

42 में से 35 सीटें जीतेगी भाजपा: अमित शाह 

अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 सीटों में से 35 जीतने का दावा किया है, साल 2018 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 18 सीटें दर्ज कर राज्य की दूसरी सबसे पार्टी बन गई थी. बंगाल भाजपा ने बंद कमरे में मीटिंग की थी. जिसमें गृह मंत्री ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर अहम बिंदुओं पर चर्चा की. इसके बाद शाम के समय भाजपा ने आईटी सेल से अमित शाह की एक वीडियो क्लिप शेयर की. 

धर्म के आधार पर सताए लोगों को इंसाफ देना है: गृह मंत्री 

गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा के लोगों को संबोधित करते हुए हमें आगामी लोकसभा चुनाव के बाद वेस्ट बंगाल में भाजपा की सरकार को बनाने के लिए लगातार काम करना है. भाजपा सरकार का मतलब होगा कि गौ तस्करी, घुसपैठ और सीएए के माध्यम से धार्मिक आधार पर सताए किए गए लोगों को नागरिकता देने के साथ उनके विकास पर ध्यान देना है. इसी के साथ अमित शाह ने सीएए पर लोगों को गुमराह करने का ममता बनर्जी पर आरोप लगाया है. 

सीएए देश कानून और यह लागू होकर रहेगा 

उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी कभी शर्णार्थियों को गुमराह करने की कोशिश करती है और कहती हैं कि इस देश में सीएए का कौन सा हिस्सा लागू होगा और क्या नहीं होगा. मैं यह स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि सीएए पूरी मजबूती के साथ लागू किया जाएगा, क्योंकि देश का कानून है और कोई भी इसे लागू करने से रोक नहीं सकता है. यह हमारी पार्टी की प्रतिबद्धता है. ममता की पार्टी उस कानून का विरोध कर रही है जो साल 2019 में संसद से पारित हो चुका है. 

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