Ayodhya Ram Mandir First Anniversary: अयोध्या शहर इन दिनों भक्ति और उल्लास की लहर में सराबोर है. 11 जनवरी, 2025 को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह की एक वर्षगांठ के उपलक्ष्य में 'प्रतिष्ठा द्वादशी महोत्सव' का भव्य आयोजन किया गया. इस ऐतिहासिक अवसर पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी, जिससे अयोध्या एक बार फिर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में जगमगा उठा.
पिछले साल, हिंदू कैलेंडर के पौष माह के शुक्ल पक्ष के दौरान 11 जनवरी, 2024 को 'कूर्म द्वादशी' के दिन भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पवित्र अनुष्ठान की मुख्य रस्में निभाईं, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों की जानीमानी हस्तियां शामिल हुईं. यह ऐतिहासिक घटना भारतीय संस्कृति और धार्मिक आस्था का प्रतीक बनी. इस साल, 'प्रतिष्ठा द्वादशी' महोत्सव को भव्य तरीके से मनाया गया. मंदिर परिसर में भक्तों और पर्यटकों के लिए कई आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए.
11 जनवरी के दिन की शुरुआत शुक्ल यजुर्वेद के मंत्रों के साथ अग्निहोत्र से हुई. इस दिन सुबह 8 बजे से 11 बजे तक और दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक अग्निहोत्र किया गया. दिनभर राम रक्षा स्तोत्र और हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. भक्तों द्वारा 6 लाख श्री राम मंत्र जाप समर्पण आस्था के साथ किया गया. शाम को भगवान राम का महा अभिषेक किया गया.
जिसके बाद मंगल दर्शन का आयोजन हुआ. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस अवसर की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा कि प्रतिष्ठा द्वादशी के अवसर पर प्रभु का महा अभिषेक किया गया. उसके बाद उनके मंगल दर्शन हुए. 22 जनवरी, 2024 से अयोध्या में भक्तों और पर्यटकों की संख्या में बड़ा उछाल देखा गया. राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह ने न केवल धार्मिक महत्व को बढ़ाया, बल्कि स्थानीय पर्यटन को भी प्रोत्साहित किया. राम मंदिर का 'प्राण प्रतिष्ठा' वर्षगांठ समारोह भारतीय संस्कृति और आस्था का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है. यह आयोजन न केवल धार्मिक उत्साह का प्रतीक है, बल्कि भारत की समृद्ध परंपरा और आध्यात्मिकता को भी पुनर्जीवित करता है.