बहराइच (उप्र) : बहराइच जिले के कतर्नियाघाट जंगल में एक मृत हाथी का शव मिलने से वन विभाग में हड़कंप मच गया. इस घटना की जानकारी देते हुए वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हाथी का शव जंगल की झाड़ियों में पाया गया है.
कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य, जो दुधवा राष्ट्रीय उद्यान के तहत आता है, में यह घटना घटित हुई. दुधवा राष्ट्रीय उद्यान के क्षेत्र निदेशक एच. राजा मोहन ने बताया कि बृहस्पतिवार को अभ्यारण के गेरुआ पार इलाके में एक हाथी की मृत्यु की सूचना मिली थी.
निदेशक मोहन ने जानकारी दी कि मृत हाथी के शव तक पहुंचने के लिए वन विभाग की टीम को बेहद दुर्गम रास्ते से गुजरना पड़ा. बताया गया कि टीम को नदी पार करने के लिए नौका का सहारा लेना पड़ा, इसके बाद कुछ दूरी तक सशस्त्र सीमा बल की जीप और दोपहिया वाहनों से यात्रा करनी पड़ी.
घटनास्थल पर मिले पैर के निशान और आसपास टूटे पेड़ देखकर यह अनुमान लगाया गया कि हाथी की मौत मंगलवार या बुधवार को दो हाथियों के बीच हुए संघर्ष के कारण हुई है. घटनास्थल पर मृत हाथी के शरीर पर भी कुछ घाव मिले हैं, जो इस अनुमान को बल देते हैं.
शुक्रवार को तीन चिकित्सकों की एक समिति ने मृत हाथी का पोस्टमार्टम किया. रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि हाथी की मौत आपसी संघर्ष के कारण हुई थी. चिकित्सकों और विशेषज्ञों के अनुसार, हाथी की उम्र करीब 45 से 50 वर्ष रही होगी.
पोस्टमार्टम के बाद, हाथी को मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करते हुए जंगल में ही दफनाया गया. साथ ही, हाथी के विसरा को सुरक्षित कर उसे भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर, बरेली भेजा गया है, ताकि वहां की पैथोलॉजिकल और टॉक्सिकोलॉजिकल जांच के बाद यह सुनिश्चित किया जा सके कि हाथी को कोई रोग तो नहीं था और उसके शरीर में कोई नशीला या जहरीला पदार्थ तो नहीं पाया गया.