रहस्यमयी हालात में मौतें: खौफ में हैं जम्मू-कश्मीर के प्रभावित गांव के निवासी

जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के इस सुदूर पर्वतीय गांव के लोग पिछले 45 दिनों में रहस्यमयी परिस्थितियों में एक के बाद एक हुई मौतों से सदमें में हैं तथा उनके चेहरों पर भय और दुख साफ झलक रहा है. एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि मौत का डर उन्हें पहले कभी इतना नहीं था, यहां तक ​​कि कोविड महामारी के दौरान भी नहीं, या जब आतंकवाद अपने चरम पर था.

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Courtesy: social media

जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के इस सुदूर पर्वतीय गांव के लोग पिछले 45 दिनों में रहस्यमयी परिस्थितियों में एक के बाद एक हुई मौतों से सदमें में हैं तथा उनके चेहरों पर भय और दुख साफ झलक रहा है. एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि मौत का डर उन्हें पहले कभी इतना नहीं था, यहां तक ​​कि कोविड महामारी के दौरान भी नहीं, या जब आतंकवाद अपने चरम पर था.

जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के इस सुदूर पर्वतीय गांव के लोग पिछले 45 दिनों में रहस्यमयी परिस्थितियों में एक के बाद एक हुई मौतों से सदमें में हैं तथा उनके चेहरों पर भय और दुख साफ झलक रहा है. एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि मौत का डर उन्हें पहले कभी इतना नहीं था, यहां तक ​​कि कोविड महामारी के दौरान भी नहीं, या जब आतंकवाद अपने चरम पर था. अधिकारियों ने मौतों के पीछे किसी संक्रामक बीमारी की आशंका से इनकार किया है.

मामले में, सीएसआईआर-आईआईटीआर (वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान) की अंत्यपरीक्षण रिपोर्ट में न्यूरोटॉक्सिन की मौजूदगी का खुलासा होने के बाद पुलिस की एक नवगठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने जांच के लिए 60 से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है.

शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कोटरंका उप-मंडल के बधाल गांव की स्थिति पर चर्चा के लिए यहां एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की तथा स्वास्थ्य एवं पुलिस विभागों को जांच में तेजी लाने के निर्देश दिए.

राजौरी जिला मुख्यालय से लगभग 55 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव के लोग डर के साये में जी रहे हैं और चाहते हैं कि मामले का पर्दाफाश हो. अस्पताल में भर्ती होने के कुछ दिनों के भीतर ही लोगों ने बुखार, दर्द, उबकाई और बेहोशी की शिकायत की और फिर उनकी मौत हो गई. एक लड़की कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती है हालांकि उसकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है.

एक डॉक्टर के अनुसार, मरीजों के एमआरआई स्कैन से मस्तिष्क में सूजन का पता चला, यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें मस्तिष्क के ऊतकों में तरल पदार्थ जमा हो जाता है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के स्थानीय विधायक जाविद इकबाल चौधरी ने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘यह हम सभी के लिए एक बड़ी चुनौती है, मैं लोगों से अपील करता हूं कि अगर किसी के पास कोई जानकारी है, तो कृपया आगे आएं और जांच में सहयोग करें.’’

(इस खबर को भारतवर्ष न्यूज की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)

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