गुंटूर (आंध्र प्रदेश) : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार गरीबों पर बढ़ते कर्ज के बोझ को देखते हुए स्वास्थ्य सेवा की लागत को कम करने के लिए उपायों पर विचार कर रही है. मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए कहा कि गरीब परिवारों को चिकित्सा खर्च के कारण भारी वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है.
गुंटूर में एक कॉर्पोरेट अस्पताल के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री नायडू ने स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में हुई प्रगति की सराहना की, लेकिन साथ ही उन्होंने इसके बढ़ते खर्च पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा, "हमारे लिए यह बेहद चिंता का विषय है कि चिकित्सा उपचार की बढ़ती लागत गरीब परिवारों के लिए परेशानी का कारण बन रही है."
मुख्यमंत्री ने इस बात का जिक्र किया कि चिकित्सा क्षेत्र में हो रही प्रगति के बावजूद, कई रोगी अत्यधिक चिकित्सा बिलों का सामना कर रहे हैं. "यह देखकर मुझे दुख होता है कि गरीब परिवारों को इलाज के लिए लाखों रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. कभी-कभी तो रोगियों को 60 लाख रुपये, 70 लाख रुपये, या यहां तक कि 1 करोड़ रुपये तक के बिल का सामना करना पड़ता है," उन्होंने कहा.
नायडू ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इस समस्या का समाधान निकालने के लिए गंभीरता से विचार कर रही है. उन्होंने कहा, "हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि चिकित्सा लागत को कैसे कम किया जाए, ताकि गरीब परिवारों को कम से कम कर्ज का बोझ उठाना पड़े."
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार को इस दिशा में जल्द ही कुछ ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि लोगों को इलाज के लिए आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े.
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के इस बयान से यह स्पष्ट है कि आंध्र प्रदेश सरकार स्वास्थ्य देखभाल की बढ़ती लागत पर काबू पाने के लिए नए उपायों पर विचार कर रही है, ताकि गरीबों को चिकित्सा उपचार का लाभ बिना किसी भारी आर्थिक बोझ के मिल सके.