उच्चतम न्यायालय का मुरादाबाद अदालत को आदेश: छह महीने में सपा नेता की अपील पर निर्णय लें

नई दिल्ली :  उच्चतम न्यायालय ने मुरादाबाद की एक अदालत को मंगलवार को निर्देश दिया कि वह 2008 के एक आपराधिक मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) नेता आजम खान के बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान की अपील पर छह महीने के भीतर फैसला करे.

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Courtesy: social media

नई दिल्ली :  उच्चतम न्यायालय ने मुरादाबाद की एक अदालत को मंगलवार को निर्देश दिया कि वह 2008 के एक आपराधिक मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) नेता आजम खान के बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान की अपील पर छह महीने के भीतर फैसला करे.

मुरादाबाद की अदालत को छह महीने में निर्णय देने का आदेश

न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने मुरादाबाद जिला एवं सत्र अदालत को निर्देश दिया कि वह इस मामले में अब्दुल्ला आजम की अपील पर छह महीने के भीतर सुनवाई पूरी कर निर्णय दे. अदालत ने यह भी कहा कि जिला एवं सत्र अदालत दोषसिद्धि के खिलाफ उनकी अपील पर विचार करते समय अपराध की तिथि को ध्यान में रखते हुए मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान को किशोर मान सकती है.

क्या था मामला?

यह मामला 2008 का है, जब मुरादाबाद के छजलेट पुलिस थाने में आईपीसी की धाराओं 341 (गलत तरीके से रोकना) और 353 (सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल) के तहत आजम खान और उनके बेटे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. आरोप था कि पुलिस द्वारा उनके वाहन को जांच के लिए रोके जाने के बाद उन्होंने यातायात अवरुद्ध कर दिया था.

उच्चतम न्यायालय में याचिका

आजम खान ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 13 अप्रैल, 2023 के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया था. इस आदेश में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था, जिसके कारण उन्हें विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

मुरादाबाद की अदालत ने फरवरी 2023 में आजम खान को दो साल की सजा सुनाई थी. इस फैसले के बाद खान और उनके परिवार ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी.

सिब्बल का बयान

मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत में कहा कि निचली अदालत से रिपोर्ट आई है जिसमें उनके नाबालिग होने का दावा सही पाया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि अपील लंबित रहने तक खान की सजा को स्थगित करने का अनुरोध किया गया है.

जिला न्यायालय को निर्देश

पीठ ने मुरादाबाद स्थित जिला एवं सत्र न्यायालय को आदेश दिया कि वह छह महीने के भीतर अपील पर फैसला करे. साथ ही, पीठ ने सत्र न्यायालय को यह भी निर्देश दिया कि वह अपराध की तिथि पर मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान को किशोर के रूप में माने और किशोर न्याय अधिनियम के अनुसार निर्णय लें.

उच्चतम न्यायालय ने मुरादाबाद जिला न्यायाधीश से इस मामले में किशोर होने के दावे की रिपोर्ट की जांच करने को कहा. इसके बाद, अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार से भी इस मामले में जवाब मांगा था.

न्याय प्रक्रिया में तेजी

सिब्बल ने कहा कि चूंकि रिपोर्ट उपलब्ध है, इसलिए अदालत को इस पर विचार करते हुए जल्द फैसला करना चाहिए. अदालत ने मुरादाबाद जिला न्यायालय को इस मामले में जल्द निर्णय लेने का निर्देश दिया है.
 

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