दिल्ली विधानसभा चुनाव: बुजुर्गों ने भी किया उत्साह के साथ मतदान

नयी दिल्ली:  दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आज मतदान प्रक्रिया में बुजुर्ग मतदाताओं ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया. कई बुजुर्ग मतदाता अपनी उम्र और शारीरिक कमजोरियों के बावजूद अपने परिवार के सदस्यों या पुलिसकर्मियों की मदद से मतदान केंद्रों पर पहुंचे और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अपना योगदान दिया.

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Courtesy: social media

नयी दिल्ली:  दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आज मतदान प्रक्रिया में बुजुर्ग मतदाताओं ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया. कई बुजुर्ग मतदाता अपनी उम्र और शारीरिक कमजोरियों के बावजूद अपने परिवार के सदस्यों या पुलिसकर्मियों की मदद से मतदान केंद्रों पर पहुंचे और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अपना योगदान दिया.

बुजुर्गों का उत्साह

आज के मतदान में सबसे खास बात यह रही कि कई बुजुर्ग मतदाता अपने परिवार के साथ मतदान केंद्रों पर पहुंचे, और न केवल अपनी वोट का अधिकार प्रयोग किया, बल्कि इसके माध्यम से लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी दिखाई. 70 से 80 वर्ष की उम्र के बुजुर्गों ने भी अपने वोट डाले और इस दौरान उनका जोश और उत्साह देखने लायक था.

सुरक्षा और सहायक व्यवस्था

बुजुर्गों के लिए मतदान केंद्रों पर विशेष व्यवस्थाएं की गई थीं. उन्हें मतदान प्रक्रिया के दौरान किसी भी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए पुलिसकर्मियों और चुनाव अधिकारियों ने उन्हें प्राथमिकता दी. कई मतदान केंद्रों पर बुजुर्गों के लिए बैठने की व्यवस्था भी की गई थी, ताकि वे आराम से वोट डाल सकें.

बुजुर्गों का संदेश

एक बुजुर्ग महिला ने कहा, "हमारी उम्र भले ही ज्यादा हो, लेकिन लोकतंत्र में भागीदारी का जो अधिकार हमें मिला है, उसे हम हर हाल में निभाना चाहते हैं." एक अन्य बुजुर्ग ने कहा, "आज का दिन हमारे लिए खास है, क्योंकि हमें अपनी सरकार चुनने का मौका मिल रहा है."

बुजुर्ग दंपति का मतदान में उत्साह

दिल्ली विधानसभा चुनाव में बुजुर्ग दंपति आसिफ (83) और उनकी पत्नी मस्रा असंद (80) ने अपने पोते के साथ शाहीन बाग के मतदान केंद्र पर मतदान किया. व्हीलचेयर पर बैठे इस दंपति ने न केवल अपनी वोट डाली, बल्कि अन्य मतदाताओं को भी मतदान में भाग लेने के लिए प्रेरित किया.

आसिफ और मस्रा असंद ने कहा, "हर कोई रोज़ी-रोटी के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है और अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहा है, लेकिन हमें सड़कें और सफाई व्यवस्था जैसे बुनियादी मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है." उनका मानना है कि इन समस्याओं को सरकार को प्राथमिकता देनी चाहिए. हालांकि, दंपति ने यह भी स्पष्ट किया कि वे किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं रखते हैं, बल्कि उनके लिए यह महत्वपूर्ण है कि छोटे-छोटे मुद्दों को हल किया जाए.

आज का मतदान बुजुर्गों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में सामने आया है. उनकी उत्साही भागीदारी ने यह साबित कर दिया कि लोकतंत्र की प्रक्रिया में हर उम्र के लोग अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

(इस खबर को भारतवर्ष न्यूज की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)

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