दिल्ली उच्च न्यायालय का आदेश: रोहित बल की संपत्तियों पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्णय

नयी दिल्ली:  दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिवंगत फैशन डिजाइनर रोहित बल की संपत्तियों पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. न्यायमूर्ति अनीश दयाल ने चार फरवरी को उनके मित्र ललित तेहलान की याचिका पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था.

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Courtesy: social media

नयी दिल्ली:  दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिवंगत फैशन डिजाइनर रोहित बल की संपत्तियों पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. न्यायमूर्ति अनीश दयाल ने चार फरवरी को उनके मित्र ललित तेहलान की याचिका पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था.

रोहित बल के संपत्ति विवाद पर न्यायालय का आदेश

न्यायमूर्ति अनीश दयाल ने 4 फरवरी को अपनी सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया. ललित तेहलान ने अदालत में यह दावा किया कि वह रोहित बल डिजाइन प्राइवेट लिमिटेड के हिस्सेदार होने के साथ-साथ, डिफेंस कॉलोनी और नोएडा की संपत्तियों समेत उनकी अन्य संपत्तियों के संबंध में रोहित बल द्वारा तैयार वसीयत के प्राथमिक लाभार्थी हैं.

अदालत ने अपने आदेश में कहा, "संपत्तियों के अपव्यय से बचने के लिए, यथास्थिति बनाए रखी जाएगी." इस आदेश से यह स्पष्ट हो गया कि रोहित बल की संपत्तियों को लेकर कोई भी निर्णय तब तक नहीं लिया जाएगा जब तक कि मामले की पूरी जांच न हो जाए.

तेहलान का आरोप: संपत्तियों के नियंत्रण को लेकर विवाद

तेहलान ने अपनी याचिका में यह आरोप भी लगाया था कि दिवंगत डिजाइनर की संपत्तियों को उनके सौतेले भाइयों राकेश बल और राजीव बल के नियंत्रण से बचाए रखने के लिए अदालत से 'निषेधाज्ञा आदेश' जारी करने की आवश्यकता है. उनका कहना था कि रोहित बल ने 30 अक्टूबर, 2023 को अपनी वसीयत में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया था कि उनके भाइयों और सौतेली बहनों को उनकी संपत्तियों पर किसी प्रकार का अधिकार नहीं होगा.

रोहित बल का निधन और उनकी विरासत

रोहित बल, भारतीय फैशन उद्योग के एक प्रतिष्ठित नाम थे. उन्होंने भारतीय फैशन को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई और कई मशहूर हस्तियों के लिए परिधान डिजाइन किए. उनका निधन 1 नवंबर 2024 को दिल का दौरा पड़ने से हुआ था, जब वह 63 वर्ष के थे. उनका निधन फैशन इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी क्षति थी.

दिल्ली उच्च न्यायालय का यह आदेश रोहित बल की संपत्तियों के संबंध में चल रहे विवाद में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है. अदालत ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देकर यह सुनिश्चित किया है कि उनके संपत्ति विवाद का निष्पक्ष और कानूनी तरीके से समाधान किया जाए.

(इस खबर को भारतवर्ष न्यूज की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)

 

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