Delhi News: राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने बयान देते हुए कहा कि यदि बात YSR कांग्रेस और बीजेपी की बात है तो ये दो बड़ी पार्टियां है. ये पार्टियां आंध्र प्रदेश और ओडिशा जैसे बड़े राज्यों में सरकार चला रही है. फिर भी उन लोगों ने राज्य की सारी शक्तियां छीनकर सेंटर में लीन करने वाले एक और संविधानिक बिल का समर्थन करने का फैसला लिया. इस बात पर उन्होंने बशीर बद्र का मशहूर शेर भी पढ़ दिया. उन्होंने कहा,”कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूंही कोई बेवफा नहीं होता”. एक और शेर पढ़ते हुए उन्होंने कहा- दिल करता है बहुत कुछ कहूं, क्या करूं हौसला नहीं होता.
सांसद कहते हैं कि ज़रूर उनकी कुछ मजबूरियां रही होंगी. जिस कारण उन्होंने यह फैसला लिया है. क्या मजबूरियां है किन मजबूरियों के चलते फैसला लिया गया है. इस बात का निर्णय और विश्लेषण में आप लोगों पर छोड़ता हूं. लेकिन इतना जरूर कहना चाहूंगा कि खतरनाक कानून को राज्य सरकार की शक्तियों को ध्वस्त करने वाले कानून को सिर्फ दिल्ली के परिपेक्ष्य नहीं देखना चाहिए. अगर यह कानून और प्रयोग दिल्ली में सफल हो गया तो बीजेपी फिर यह देश के तमाम गैर बीजेपी राज्यों में लागू करेगी. गैर बीजेपी राज्यों की शक्तियां छीनी जाएंगी.
सांसद ने मशहूर शायर राहत इंदौरी साहिब को याद करते हुए उनकी शायरी कह डाली.
अगर खिलाफ है होने दो जान थोड़ी है
यह सब धुआं है ,आसमान थोड़ी है
लगेगी आग तो आएंगे कई घर जद में
यहां पर हमारा कोई अकेला मकान थोड़ी है
सांसद कहते हैं कि ये सिर्फ हमारा अकेला मकान नहीं है अगर हमारे घर में आग लगेगी. यदि हमारी राज्य सरकार की शक्तियां छीनी जाएंगी, तो वह दिन दूर नहीं जब आप लोगों की राज्य सरकारों की जो शक्तियां हैं. वह भी यह केंद्र में बैठी एक डिक्टेटरशिप और हिटलर शाही में विश्वास रखने वाली सरकार आपकी भी तमाम राज्य सरकारों की शक्तियां छीन लेंगी. मुझे लगता है अपनी मजबूरियों को वह बेहतर समझते हैं.
आम आदमी पार्टी (AAP) की जान दिल्ली वालों के दिल में बसती है. दिल्ली वालों की दिल में आम आदमी पार्टी के लिए बहुत प्यार है. दिल्ली वाले अरविंद केजरीवाल जी से बहुत मोहब्बत करते हैं. यही वजह है कि लगातार उनको वोट देते आ रहे हैं. बीजेपी ने लाख कोशिश की पिछले 10 साल में हमारी शक्ति छीनने की कभी ऑर्डिनेंस लेकर आए और अभी नोटिफिकेशन लेकर आए. कभी उपराज्यपाल को हमारे ऊपर छोड़ दिया.लेकिन दिल्ली वाले हैं. जो कि अपने बेटे अरविंद केजरीवाल जी को लगातार प्यार करते रहे और आशीर्वाद देते रहे मुझे लगता है कि बीते 25 सालों में भारतीय जनता पार्टी जो एक भी चुनाव दिल्ली में नहीं जीत पाई यह उसकी भड़ास उसकी (humiliation) का बदला लेने के लिए दिल्ली वालों को ग़ुलाम बनाने के लिए और दिल्ली के लोगों का लोकतांत्रिक अधिकार छीन कर यह कानून बीजेपी लेकर आई है. कई जांच एजेंसी भी बैठा दिया.
सांसद कहते हैं कि जो लोग इस राष्ट्रीय विरोधी कानून का समर्थन करेंगे. उन्हें इतिहास राष्ट्रीय विरोधियों के नाम से याद रखेगा. जो बिल को गिराने में साथ देंगे, उनको राष्ट्रभक्त के नाम से इतिहास याद रखेगा. किसी प्रकार का कोई सरेंडर नहीं है, सदन के भीतर लड़ाई लड़ेंगे. राज्यसभा में बहुत कांटे की टक्कर है सरकार के पास जो आंकड़े हैं लगभग उतने आंकड़े ही विपक्ष के पास भी हैं. पूरा इंडिया ब्लॉक एकजुट है. मजबूत लड़ाई होगी. उन्होंने कहा कि बहुत ही मुस्तैदी से हम देश के संविधान को बचाने के लिए और लोकतंत्र को बचाने के लिए यह लड़ाई लड़ेंगे. मैंने पहले भी यह बात कही थी कि मात्र एक छोटे से बिल पर मतदान की बात नहीं है यह एक धर्म युद्ध है. जिसमें धर्म हमारे साथ है और सत्य हमारे साथ है. अधर्म,असत्य और बुराई बीजेपी के खेमे में है. जब धर्म आपके साथ हो तो इस प्रमाण की तमाम शक्तियां आप को जिताने में जरूर लग जाती है. मेरा भी विश्वास है कि जब यह बिल मतदान पर आएगा तो अवश्य हम सब इस बिल को गिराने में सफल होंगे.