Delhi News: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का बयान, पराली ईधन का उपयोग हवाई जहाजों में किया जाएगा

Delhi News: राष्ट्र में बढ़ रहे ईंधन व प्रदूषण की परेशानी को देखते हुए पराली से ईंधन को तैयार किया जा रहा है. वहीं आने वाले टाईम में इस ईधन का इस्तेमाल बड़े स्तर पर करने की बात की जा रही है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि कुछ वर्षों में पराली से ईंधन […]

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Delhi News: राष्ट्र में बढ़ रहे ईंधन व प्रदूषण की परेशानी को देखते हुए पराली से ईंधन को तैयार किया जा रहा है. वहीं आने वाले टाईम में इस ईधन का इस्तेमाल बड़े स्तर पर करने की बात की जा रही है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि कुछ वर्षों में पराली से ईंधन का इस्तेमाल फाइटर जेट, हेलीकॉप्टर, कमर्शियल हवाई जहाज में किया जाएगा.

नितिन गडकरी का बयान

राजधानी दिल्ली में आयोजित 63वें एसीएमए वार्षिक सत्र के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि देश में अब पराली जलाने की परंपरा खत्म हो चुकी है. उनका कहना है कि पानीपत में इंडियन ऑयल के प्लांट की शुरूआत हो चुकी है. जहां पराली के उपयोग से एक लाख लीटर इथेनॉल को तैयार किया जाता है. इसके साथ ही 150 टन बायो बिटुमेन बनाए जाते हैं. उनका कहना है कि एयरफोर्स का 22 फीसदी इथेनॉल फाइटर जेट में डाल दिया जाता है. आगे बताते हैं कि आने-वाले टाईम में 8 फीसदी बॉयो एविएशन फ्यूल, एविएशन फ्यूल में डालने की योजना बनाई जा रही है. गडकरी कहते हैं कि, वह दिन अब दूर नहीं जब 3- 4 में किसानों द्वारा बनाए गए ईंधन पर फाइटर जेट, हेलीकॉप्टर, कमर्शियल हवाई जहाज चलाए जाएंगे.

इम्पोर्ट होगा तैयार

नितिन गडकरी ने बताया कि अब देश का इम्पोर्ट 16 लाख करोड़ का है एवं अगले 5 सालों में 25 लाख करोड़ का हो जाएगा. उनका कहना है कि गाड़ियों की संख्या में बढ़ावा हुआ है. इनके मंत्री बनने से पूर्व 4.5 लाख करोड़ की इंडस्ट्री स्थापित थी, परन्तु अब 12.5 लाख करोड़ की इंडस्ट्री तैयार हो चुकी है. उनका कहना है कि आज का भारत आत्मनिर्भर भारत है. जिसका उदाहरण हैं कि, देश अर्थव्यवस्था के मामले में सातवें स्थान से जापान को पीछे करके तीसरे स्थान पर जा पहुंचा है.

प्लांट लगाने की व्यवस्था

दरअसल नितिन गडकरी ने बताया कि, डीजल की जरूरत को नजर में रखकर पोल्यूशन फ्री देश बनाने के लक्ष्य से पराली के उपयोग से बॉयो ईंधन बनाया जाएगा. जिसके लिए 1 हजार प्लांट लगाने की व्यवस्था की जा रही है. जिसकी वजह से 5 लाख लोगों को रोजगार भी मिलेगा. वाहनों के लिए ईंधन की लागत दूर होगी. साथ ही हवाई उड़ान से ट्रैक्टर तक बॉयो फ्यूल का इस्तेमाल किया जाएगा.