Pollution in Delhi: दिवाली पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बाद भी दिल्ली- एनसीआर में जमकर आतिशबाजी हुई. लोगों ने भारी संख्या में जमकर पटाखे फोड़े. रविवार 12 नवंबर दिवाली की सुबह ही कई इलाकों में में आतिशबाजी शुरू हो गई थी जो शाम होते -होते ये बड़े पैमाने पर बढ़ती चली गई. राजधानी दिल्ली के अधिकत्तर हर एक इलाके समेत एनसीआर में हर तरफ रात लगभग 10 बजे तक 90 डेसीबल की आवाज की सीमा को पार कर पटाखों का शोर सुना गया.
सुप्रीम कोर्ट ने लगाया था पटाखों पर बैन
आपको बता दें, कि सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर को कहा था कि बेरियम युक्त पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश हर राज्य पर लागू होता है. वायु प्रदूषण से जूझ रहे दिल्ली-एनसीआर के लिए भी सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर लिया था की राजधानी में आतिशबाजी नहीं होनी चाहिए.
दिल्ली में आतिशबाजी से कहां कितना बढ़ा प्रदूषण
दिल्ली में कल हुई आतिशबाजी से प्रदूषण की मात्रा सामान्य से कई गुना अधिक बढ़ गई. केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड( सीपीसीबी) के आंकड़ें अनुसार दिल्ली में आज यानि सोमवार की सुबह ही वायु गुणवत्ता सूचकांक( एक्यूआई) 296 दर्ज किया गया जो सामान्य से लगभग 6 गुना अधिक है. सीपीसीबी के अनुसार- पीएम 2.5 सुबह 6 बजर लोनी गाजियाबाद में एक्यूआई-414 था जबकि नोएडा सेक्टर 62 में - 488, पंजाबी बाग- 500 और रोहिणी में एक्यूआई 456 दर्ज किया गया.
वर्ल्ड का सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली
वायु गुणवत्ता मापने वाले स्विस समूह (आईक्यूएआईआर) के डाटा के अनुसार सोमवार को दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित शहर है. यहां सुबह 5:00 बजे दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 514 पर है जो खतरनाक रूप में चिन्हित है. मौसम एजेंसी aqicn.org के अनुसार दिल्ली के आनंद विहार क्षेत्र में वायु सबसे खराब दर्ज किया गया है.
इस साल दिवाली पर अच्छी थी हवा
दिवाली के दिन राजधानी दिल्ली में इस साल हवा ने पिछले 8 साल का रिकार्ड तोड़ दिया. सीपीसीबी के अनुसार, राजधानी में रविवार सुबह साफ आसमान सुर खिली धूप के साथ हुई और शहर के वायु गुणवत्ता सूचकांक( एक्यूआई) 218 रहा, जो पिछले 8 सालों में दिवाली के दिन सबसे कम था. रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में पिछले साल दिवाली पर एक्यूआई 2022 में 312, 2021 में 382, 2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 दर्ज किया गया था.