महाकुंभ में जलवायु परिवर्तन पर मंथन, धर्मगुरुओं का अहम योगदान

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए एक अनूठा कदम उठाया है. सरकार ने महाकुंभ में धर्मगुरुओं संग जलवायु परिवर्तन पर मंथन करने का निर्णय लिया है. इस सम्मेलन का उद्देश्य जलवायु संकट के समाधान में धार्मिक समुदाय की भूमिका को बढ़ावा देना है.  

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Courtesy: social media

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए एक अनूठा कदम उठाया है. सरकार ने महाकुंभ में धर्मगुरुओं संग जलवायु परिवर्तन पर मंथन करने का निर्णय लिया है. इस सम्मेलन का उद्देश्य जलवायु संकट के समाधान में धार्मिक समुदाय की भूमिका को बढ़ावा देना है.  

धर्मगुरुओं की भूमिका और समाज में प्रभाव  

इस पर सवाल उठाए जाने पर कि धर्मगुरुओं को ही क्यों चुना गया, राज्य के मुख्य सचिव मनोज कुमार ने बताया, "धर्मगुरु सिर्फ धार्मिक नेता नहीं, बल्कि विचारशील नेता भी हैं, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की शक्ति रखते हैं." उनका मानना है कि इन धर्मगुरुओं के माध्यम से जलवायु परिवर्तन जैसे जटिल मुद्दे पर समाज को जागरूक किया जा सकता है.  

कुंभ की आस्था और जलवायु परिवर्तन सम्मेलन  

उत्तर प्रदेश के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग ने ‘आई फॉरेस्ट’ के साथ मिलकर 16 फरवरी को महाकुंभ में 'कुंभ की आस्था और जलवायु परिवर्तन' शीर्षक से एक सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया है. इस सम्मेलन में धर्मगुरुओं और विशेषज्ञों द्वारा जलवायु परिवर्तन पर मंथन किया जाएगा.  

धर्मगुरुओं के साथ मिलकर समाधान खोजने की कोशिश  

मुख्य सचिव ने कहा, "धर्मगुरुओं का सहयोग हम पहले भी कई मुद्दों पर ले चुके हैं। उदाहरण के तौर पर, पल्स पोलियो अभियान में इनकी मदद ली गई थी। अब जलवायु परिवर्तन जैसा महत्वपूर्ण मुद्दा है, और हम इनके अनुभव और मार्गदर्शन से लाभ उठाना चाहते हैं।" उन्होंने यह भी बताया कि कैसे संत महात्मा नदियों की सफाई और पर्यावरण संरक्षण के लिए अपनी धार्मिक मान्यताओं का पालन करते हुए समाज को जागरूक कर रहे हैं।  

जलवायु परिवर्तन एक आध्यात्मिक संकट  

उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने कहा, "जलवायु संकट एक आध्यात्मिक संकट है, क्योंकि यह मानव और प्रकृति के बीच के संबंधों में कटौती को दर्शाता है." उनका मानना है कि धार्मिक समुदायों के नैतिक अधिकार और जमीनी स्तर के कनेक्शन के कारण वे जलवायु संकट से निपटने में महत्वपूर्ण सहयोगी हो सकते हैं.  

सम्मेलन में धार्मिक और सामाजिक नेतृत्व का योगदान  

इस सम्मेलन में प्रमुख धार्मिक गुरु जैसे स्वामी चिदानंद सरस्वती, बहन बीके मनोरमा, स्वामी मुकुंदानंद और कई अन्य प्रमुख धार्मिक नेता शामिल होंगे. इसके अलावा जलवायु परिवर्तन पर अपने विचार रखने के लिए विशेषज्ञ जैसे डॉ. चंद्र भूषण (सीईओ, आईफॉरेस्ट), डॉ. राजेंद्र सिंह (वॉटरमैन ऑफ इंडिया) और कई अन्य शिक्षाविद भी इस सम्मेलन में भाग लेंगे. 

यह सम्मेलन धर्म, विज्ञान और उद्योग जगत के नेताओं को एक मंच पर लाकर जलवायु परिवर्तन के समाधान पर विचार करेगा. 

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