डीओई ने वायु गुणवत्ता सुधार के लिए सीएक्यूएम के उपायों को लागू करने का आदेश दिया

नई दिल्ली: शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने एक नोटिस जारी कर यह जानकारी दी कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की बढ़ती समस्या को ध्यान में रखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण तीन के तहत तत्काल प्रभाव से कड़े उपाय लागू करने का फैसला किया है. यह कदम इस समय वायु गुणवत्ता के स्तर को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है, जब दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है.

Date Updated
फॉलो करें:
Courtesy: social media

नई दिल्ली: शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने एक नोटिस जारी कर यह जानकारी दी कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की बढ़ती समस्या को ध्यान में रखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण तीन के तहत तत्काल प्रभाव से कड़े उपाय लागू करने का फैसला किया है. यह कदम इस समय वायु गुणवत्ता के स्तर को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है, जब दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है.

GRAP के तहत उठाए गए महत्वपूर्ण कदम

सीएक्यूएम के निर्देशों के अनुसार, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तीसरे चरण में वायु प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय लागू किए गए हैं. इन उपायों में निर्माण कार्यों पर रोक, औद्योगिक प्रदूषण में कटौती, कचरे के जलाने पर पाबंदी, और धूल उड़ाने वाली गतिविधियों को नियंत्रित करना शामिल है. इसके अलावा, स्कूलों में बाहरी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है, ताकि छात्रों को प्रदूषण से बचाया जा सके.

स्कूलों में विशेष निर्देश

डीओई द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार, सभी स्कूलों में आउटडोर गतिविधियों को निलंबित किया गया है और शारीरिक शिक्षा कक्षाओं को अंदर ही आयोजित करने का आदेश दिया गया है. स्कूल प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि बच्चों को वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से बचाया जाए और शैक्षिक गतिविधियाँ सुरक्षित वातावरण में संचालित की जाएं.

स्वास्थ्य पर प्रदूषण का असर

वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर से बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा जैसी बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को विशेष रूप से खतरा होता है. प्रदूषित हवा के कारण सांस की तकलीफ, एलर्जी, गले में जलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. यह कदम स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने और लोगों की जीवनशैली को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण है.

दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर हर साल सर्दी के मौसम में खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है, मुख्यतः वायु में धूल और कार्बन उत्सर्जन के कारण. शहरीकरण, वाहन प्रदूषण और निर्माण कार्यों से निकलने वाली धूल, प्रदूषण के प्रमुख कारण माने जाते हैं. इस साल भी हवा की गुणवत्ता पर असर पड़ा है और इसे नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों को कड़े कदम उठाने पड़े हैं.

सीएक्यूएम के प्रयास

सीएक्यूएम का उद्देश्य दिल्ली में वायु गुणवत्ता को बनाए रखना और प्रदूषण के स्तर को सुरक्षित सीमा में रखना है. आयोग लगातार स्थिति पर नजर बनाए रखता है और जब प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो, तो आवश्यक कदम उठाए जाते हैं. यह आयोग दिल्ली के पर्यावरण और नागरिकों की सेहत के लिए जिम्मेदार है और इसके द्वारा लिए गए फैसले बड़े पैमाने पर प्रभावित होते हैं.

दिल्ली सरकार और सीएक्यूएम द्वारा उठाए गए कदमों का उद्देश्य प्रदूषण को नियंत्रित करना और नागरिकों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखना है. शिक्षा निदेशालय (डीओई) का यह कदम, विशेष रूप से स्कूलों में, बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. यदि यह उपाय प्रभावी रूप से लागू किए जाते हैं, तो वायु प्रदूषण के खतरों को कम किया जा सकता है और दिल्लीवासियों को साफ हवा में सांस लेने का अवसर मिल सकता है.

(इस खबर को भारतवर्ष न्यूज की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)

Tags :