National Herald Case:नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए यंग इंडियन (YIL) और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की साढ़े सात सौ करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. जानकारी के अनुसार ED द्वारा कुर्क की गई अचल संपत्तियों में नेशनल हेराल्ड का दिल्ली में आईटीओ स्थित कार्यालय परिसर, लखनऊ के कैसरबाग के पास मॉल एवेन्यू स्थित नेहरू भवन और मुंबई में हेराल्ड हाउस शामिल हैं.
बता दें कि पांच राज्यों- छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में जारी विधानसभा चुनाव के बीच ED की ओर से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. ED ने इस मामले पर कहा है कि इस मामले में शेयरधारक और कांग्रेस को चंदा देने वालों से AJL और पार्टी ने ठगी की है . गौरतलब है कि ED ने AJL और यंग इंडियन कंपनी के खिलाफ संपत्ति कुर्क करने का आदेश धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत जारी किया था. जानकारी के अनुसार, AJL की 691.9 करोड़ और यंग इंडियन की 90 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है. आपको बता दें कि नेशनल हेराल्ड एक प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड है और इसका स्वामित्व यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है.
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास यंग इंडियन कंपनी के ज्यादातर शेयर हैं. दोनों के पास कंपनी के 38-38 प्रतिशत शेयर हैं. ED का कहना है कि यंग इंडियन कंपनी सहित सात आरोपी व्यक्तियों और संस्थाओं ने IPC की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक विश्वासघात के अपराध किए, जिसमें धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति के लेनदेन को प्रेरित करना, संपत्ति का बेईमानी से दुरुपयोग और आपराधिक साजिश शामिल हैं.
बता दें कि इस पुरे मामले में ED आरोपी व्यक्तियों के बारे में ये कहा है कि इन सभी नरोपि व्यक्तियों ने यंग इंडियन के जरिए AJL की करोड़ों रुपये की संपत्ति हासिल करने के लिए आपराधिक साजिश रची थी . ED के अनुसार, AJL को समाचारपत्र प्रकाशित करने के उद्देश्य से भारत के विभिन्न शहरों में रियायती दरों पर जमीन दी गई थी. इसके आगे ED ने आरोप लगाया है कि AJL ने 2008 में अपना प्रकाशन बंद कर दिया लेकिन फिर वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए संपत्ति का उपयोग करना शुरू कर दिया. गौरतलब है कि इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक, भारत में कोई भी राजनीतिक पार्टी किसी थर्ड पार्टी के साथ पैसों का लेनदेन नहीं कर सकती.
नेशनल हेराल्ड से जुड़े इस केस में कांग्रेस के बड़े नेताओ का नाम है. इस केस में सोनिया गांधीऔर राहुल गांधी के अलावा मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे को भी आरोपी बनाया गया था. इस मामले से जुड़े पूछताछ के सिलसिले में ED ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के नेता पवन बंसल, डी. के. शिवकुमार (कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री) और उनके सांसद भाई डी.के. सुरेश से पिछले साल पूछताछ की थी और उनके बयान दर्ज किए गए थे.
आखिर क्या है नेशनल हेराल्ड केस
दरअसल देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने साल 1938 में 5 हजार स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर नेशनल हेराल्ड अखबार शुरू किया था, लेकिन बाद में साल 2008 में इसका प्रकाशन बंद कर दिया गया था . इस दौरान नेशनल हेराल्ड के संचालन की जिम्मेदारी एसोसिएट जर्नल (AJL) पर थी . बता दें कि AJL ने ही हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज़ और अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड अखबार शुरू किया था. गौरतलब है कि AJL पर जवाहर लाल नेहरू का सम्पूर्ण स्वामित्व नहीं था क्योंकि इसकी शुरुवात 5 हजार स्वतंत्रता सेनानी से हुई थी. साल 2018 में अख़बार के बंद होने के समय अखबार पर करीब 90 करोड़ रुपये का कर्ज था, जिसे चुकाया नहीं गया. इसके बाद साल 2010 में एक नई कंपनी बनायीं गयी. जिसका नाम था यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड. कांग्रेस के द्वारा यंग इंडियन को 90 करोड़ का लोन ट्रांसफर किया गया और AJL ने भी अपना सारा शेयर नई कंपनी यंग इंडिया को दे दिया. इसके बदले में यंग इंडियन ने AJL को 50 लाख रुपये दिए.
ये पूरा मामला तब सामने आया जब साल 2012 में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने इन पर धन के आपराधिक दुरुपयोग का आरोप लगाया. उन्होंने सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी पर आरोप लगते हुए कहा कि पार्टी के पैसों से AJL का लोन खरीदने के लिए साल 2010 में यंग इंडियन (YIL) कंपनी की स्थापना की गई.