ED Affidavit In Supreme Court: प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया, जिसमें अब खत्म हो चुकी शराब नीति मामले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई है. हलफनामे में, जांच एजेंसी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री को सबूतों के साथ "बड़े पैमाने पर" छेड़छाड़ के बाद गिरफ्तार किया गया था, जिसमें 'घोटाले' की अवधि के दौरान लगभग 170 मोबाइल फोन को नष्ट करना और जब अनियमितताएं सार्वजनिक रूप से सामने आईं.
हलफनामे में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख जांच अधिकारी द्वारा नौ बार तलब किए जाने के बावजूद वह पूछताछ में शामिल नहीं हुए.
ED ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर दायर किया हलफनामा
इसने यह भी स्पष्ट किया कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी तब हुई जब उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय के समन को बार-बार नजरअंदाज किया और दिल्ली उच्च न्यायालय से सुरक्षा प्राप्त करने में विफल रहे.
हलफनामे में कहा गया है कि, यह केवल तब हुआ जब याचिकाकर्ता दिल्ली उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच से बिना किसी दबाव वाले कदम का आदेश प्राप्त करने में विफल रहा, इस तथ्य के साथ कि वह समन का पालन नहीं कर रहा था, उसके घर की तलाशी ली गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. "
जांच एजेंसी ने यह भी तर्क दिया कि आपराधिक आरोपों वाले राजनेताओं को गिरफ्तारी से छूट देने से चुनावी प्रक्रिया की अखंडता कमजोर हो जाएगी.
हलफनामे में ये भी कहा गया है, कि सामग्री के आधार पर अपराध के लिए किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी कभी भी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की अवधारणा का उल्लंघन नहीं कर सकती है. अगर उपरोक्त तर्क को स्वीकार कर लिया जाता है, तो अपराधी राजनेताओं को गिरफ्तारी से छूट मिल जाएगी."
हलफनामे पर प्रतिक्रिया देते हुए आप ने दावों को खारिज कर दिया और आरोप लगाया कि जांच एजेंसी झूठ बोल रही है और उसके पास अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कोई सबूत नहीं है.
दिल्ली में सत्तारूढ़ दल ने यह भी कहा कि ईडी भाजपा की राजनीतिक शाखा के रूप में काम कर रही है. ईडी सिर्फ झूठ उगलने वाली एक मशीन है और भाजपा की राजनीतिक शाखा की तरह काम कर रही है.
केंद्रीय जांच एजेंसी के पास अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कोई सबूत नहीं है. यह ईडी की जांच नहीं है, बल्कि भाजपा की जांच है. भाजपा अरविंद केजरीवाल के चुनाव प्रचार काम में बाधा डालना चाहती है.
बता दें कि, जांच एजेंसी ने अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को दिल्ली में उनके आधिकारिक आवास से गिरफ्तार किया था. वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है और आम आदमी पार्टी ने कहा है कि वह जेल से ही सरकार चलाते रहेंगे.