भूपेश बघेल के करीबियों की संपत्ति पर ईडी की छापेमारी, शराब घोटाले जांच से जुड़ा है मामला

Bhupesh Baghel: प्रवर्तन निदेशालय द्वारा यह जांच शराब घोटाले से राज्य के खजाने को हुए लगभग 2,161 करोड़ रुपये का भारी नुकसान को लेकर की जा रही है. जिसमें आरोप है कि अपराध से प्राप्त आय को कथित तौर पर विभिन्न धोखाधड़ी योजनाओं के माध्यम से निकाला गया है.

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Courtesy: Social Media

Bhupesh Baghel:  ईडी ने आज सुबह यानी 10 मार्च को धन शोधन मामले से जुड़े एक बड़े शराब घोटाले जांच के दौरान छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में 14 जगहों पर छापेमारी की. इन जगहों में एक जगह छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जुड़े परिसर भी शामिल रहे. जिनमें उनके बेटे चैतन्य बघेल का आवास और लक्ष्मी नारायण बंसल सहित उनके करीबी सहयोगियों के परिसर भी शामिल रहें. 

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा यह जांच शराब घोटाले से राज्य के खजाने को हुए लगभग 2,161 करोड़ रुपये का भारी नुकसान को लेकर की जा रही है. जिसमें आरोप है कि अपराध से प्राप्त आय को कथित तौर पर विभिन्न धोखाधड़ी योजनाओं के माध्यम से निकाला गया है. प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार चैतन्य बघेल को इन अवैध निधियों के प्राप्तकर्ताओं में से एक माना जाता है.

भूपेश बघेल के करीबी की संपत्तियों पर छापेमारी 

ईडी इस बात की जांच कर रहा है कि राज्य के शराब वितरण प्रणाली में शामिल सरकारी अधिकारियों, व्यापारियों और ठेकेदारों के नेटवर्क ने मिलकर पैसों की हेरफेर की. आरोप है कि इन निधियों का कथित तौर पर घोटाले के लाभार्थियों को समृद्ध करने के लिए इस्तेमाल किया गया था. जिसमें कथित तौर पर कई उच्च पदस्थ राजनीतिक और नौकरशाही हस्तियां शामिल थीं. उत्पाद शुल्क संग्रह और अन्य धोखाधड़ी गतिविधियों का डायवर्जन जांच के केंद्र में था. हालांकि अभी तक किसी भी आधिकारिक बयान में चैतन्य बघेल को इस घोटाले से नहीं जोड़ा गया है. लेकिन उनकी संपत्तियों पर छापेमारी से पता चलता है कि ईडी को अवैध संचालन में उनकी भूमिका के बारे में संदेह है.
 

भूपेश बघेल के कार्यालय से बयान जारी

सरकारी एजेंसी द्वारा की जा रही जांच वित्तीय लेनदेन और व्यापारिक सौदों पर केंद्रित है जो बड़े शराब सिंडिकेट से जुड़े हो सकते हैं. जांचकर्ता विशेष रूप से इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या घोटाले से जुड़े किसी भी फंड को चैतन्य बघेल और उनके सहयोगियों से जुड़े व्यवसायों या संपत्तियों में लगाया गया था या नहीं? इस एंगल से जांच की जा रही है कि क्या किसी भी तरीके से इस पूरे घोटाले का लाभ बघेल परिवार को मिला है? छापेमारी के बाद भूपेश बघेल के कार्यालय से बयान जारी किया गया है. जिसमें उन्होंने मुख्य रूप से इन आरोपों को खारिज करते हुए, इसे झूठा बताया है. 

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