महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर के फैसले के खिलाफ कोर्ट पहुंचा एकनाथ शिंदे का गुट, जानिए क्या है मामला?

Eknath Shinde VS Uddhav Thackeray: दरअसल, दोनों गुटों के एक दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के की याचिका पर फैसला सुनते हुए राहुल नार्वेकर ने कहा था कि एक नाथ शिंदे की शिवसेना ही असली शिवसेना है. चुनाव आयोग ने भी यही माना है.

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हाइलाइट्स

  • महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर के फैसले के खिलाफ कोर्ट पहुंचा एकनाथ शिंदे का गुट
  • विधायकों की अयोग्यता की याचिका खारिज होने से जुड़ा है मामला

Eknath Shinde VS Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पूर्व मुख्यमंत्री का गुट एक बार फिर आमने-सामने आ गया है. दोनों गुट विधायकों की अयोग्यता की याचिका को खारिज करने के महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर के फैसले को चुनौती देने के लिए कोर्ट पहुंच गए हैं. बता दें कि एक नाथ शिंदे की शिवसेना ने राहुल नार्वेकर के फैसले को बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.

वहीं उद्धव ठाकरे का गुट  सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. दरअसल, दोनों गुटों के एक दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के की याचिका पर फैसला सुनते हुए राहुल नार्वेकर ने कहा था कि एक नाथ शिंदे की शिवसेना ही असली शिवसेना है. चुनाव आयोग ने भी यही माना है. 

क्यों बोले थे राहुल नार्वेकर?

राहुल नार्वेकर ने बीते बुधवार को कहा था कि मेरे सामने सबसे बड़ा सवाल है कि असली शिवसेना कौन है. चुनाव आयोग ने कहा कि असली शिवसेना तो एकनाथ शिंदे की शिवसेना है. ऐसे में शिंदे सहित सत्तारूढ़ खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की ठाकरे गुट की याचिका को खारिज कर दिया जाता है. वहीं नार्वेकर ने उद्धव ठाकरे गुट के किसी विधायक को भी अयोग्य नहीं करार दिया था. 

इस दौरान नार्वेकर ने कहा था कि कोई भी पार्टी नेतृत्व किसी पार्टी के भीतर असंतोष या अनुशासनहीनता को दबाने के लिए संविधान की 10वीं अनुसूची (दलबदल विरोधी कानून) के प्रावधानों का उपयोग नहीं कर सकता है.

यह हैं 16 विधायकों के नाम

सीएम एकनाथ शिंदे, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. तानाजी सावंत, रोजगार मंत्री संदिपानराव भुमरे, अल्पसंख्यक विकास मंत्री अब्दुल सत्तार, भरत गोगावले, संजय शिरसाट, यामिनी जाधव, अनिलभाऊ बाबर, डॉ. किनिकर बालाजी प्रल्हाद, प्रकाश सुर्वे, महेश शिंदे, लता सोनवणे, चिमणराव रूपचंद पाटिल, रमेश बोरनारे, डॉ. संजय रायमुलकर और बालाजी कल्याणकर हैं.

जून 2022 में हुआ था दोनों गुटों का विभाजन

बता दें कि जून 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में विभाजन हो गया था. इसके बाद शिंदे बीजेपी के समर्थन से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन थे. जिसके बाद शिवसेना पर शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट द्वारा दावा किये जाने का  मामला चुनाव आयोग पहुंचा था.  इस दौरान आयोग ने शिंदे गुट को असली शिवसेना करार दिया था. 

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