Punjab: पंजाब के जालंधर में गन्ने के रेट को लेकर किसानों का प्रदर्शन अब और तेज होता जा रहा है. धरने पर बैठे किसानों का कहना है कि अगर गन्ने का रेट नहीं बढ़ाया गया तो वो चंडीगढ़ की ओर कूच करेंगे. बता दें कि बुधवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री के साथ किसानों की बैठक होने वाली थी. ये बैठक किन्ही कारणों से नहीं हो सकी. इससे नाराज किसान गुरुवार को धन्नो वाली के पास रेलवे ट्रैक पर धरने पर बैठ गए. भारी संख्या में तैनात सुरक्षा बल भी उन्हें रोक पाने में असफल रहा. पहले नेशनल हाईवे और अब उन्होंने रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध कर दिया है. उनका कहना है कि अपनी मांगे पूरी करवाने के लिए वो 26 नवंबर को चंडीगढ़ की ओर बढ़ेंगे.
रेलवे ट्रैक पर धरने से शताब्दी सहित 120 ट्रेनें होगी प्रभावित
जालंधर में किसानों के रेलवे ट्रैक पर बैठने के साथ ही अब ट्रेनें भी प्रभावित होने लगी है. रेलवे के मुताबिक, किसानों के धरने की वजह से हर दिन गुजरने वाली 120 ट्रेनें प्रभावित होगी. जानकारी के मुताबिक, धरना से पहले इस रूट से 40 ट्रेनें निकल चुकी थीं. वहीं अब 80 ट्रेनों को डायवर्ट करने के लिए रेल अफसरों की बैठक शुरू हो गई है. बता दें, किसानों के धरने से प्रभावित होने वाली 120 ट्रेनों में शताब्दी एक्सप्रेस भी शामिल है. धरने की वजह से रेलवे ट्रैक बंद होते ही शताब्दी एक्सप्रेस को कपूरथला के फगवाड़ा में ही रोक दिया गया है. इसके साथ ही जालंधर कैंट रेलवे स्टेशन के पास प्रदर्शन होने के कारण आम्रपाली एक्सप्रेस को जालंधर सिटी स्टेशन पर रोक दिया गया है. रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार, ट्रेनों का डायवर्सन जालंधर सिटी स्टेशन से होगा. इस दौरान लुधियाना, अंबाला, पानीपत, दिल्ली के जरिए अन्य राज्यों में जाने वाली ट्रेनें नकोदर से फगवाड़ा होकर निकलेंगी. नकोदर फगवाड़ा सिंगल लाइन होने के कारण ट्रेनों के परिचालन में घंटों की देरी होगी.
रेलवे ट्रैक से पहले नेशनल हाईवे पर बैठे थे किसान
बता दें कि रेलवे ट्रैक पर धरने पर बैठने से पहले किसान जालंधर के धन्नो वाली के पास पिछले तीन दिनों से किसान नेशनल हाईवे पर प्रदर्शन कर रहे थे. इस
प्रदर्शन का असर दिल्ली जम्मू हाईवे पर देखने को मिल रहा है. दरअसल प्रदर्शन की वजह से दिल्ली-जम्मू हाईवे पर आवागमन पूरी तरह से अवरुद्ध है. बता दें कि किसानों के प्रदर्शन का कारण गन्ने का रेट है. दरअसल किसान गन्ने का रेट बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहें किसान नेशनल हाईवे पर टेंट लगाकर बैठे हैं और उसके किनारे सर्विस लेन को ट्रैफिक के लिए खोला गया है.
गौरतलब है कि बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों को हाईवे जाम कर लोगों को परेशान न करने को कहा था. लेकिन किसानों पर इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा है. हालाँकि किसानों का इस पूरे मामले पर कहना है कि उनके दोबारा सड़कों पर उतरने के लिए सरकार ही जिम्मेदार है.