तमिलनाडु में  CM व डिप्टी सीएम बनी पिता-पुत्र की जोड़ी, मंत्रिमंडल के फेरबदल में कुछ को किया बाहर

शनिवार को तमिलनाडु में मंत्रिमंडल के फेरबदल ने उस समय सभी को चौंका दिया, जब सीएम की कुर्सी पर बैठे एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के नाम की घोषणा उप मुख्यमंत्री पद के लिए की गई.

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Courtesy: Social Medai

हाइलाइट्स

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देश की राजनीति में हमेशा से ही चौंकाने वाले ऐलान होते रहे हैं. कुर्सी पाने के इस खेल में राजनीतिक दल एड़ी चोटी का जोर लगाते हैं. तो देखा यह भी गया है कि राजनीतिक सफर में सत्ता संभालने वाली पार्टी अपने परिवार के लोगों को एक बड़े पद पर बैठाने की होड़ में रहते हैं. शनिवार को तमिलनाडु में मंत्रिमंडल के फेरबदल ने उस समय सभी को चौंका दिया, जब सीएम की कुर्सी पर बैठे एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के नाम की घोषणा उप मुख्यमंत्री पद के लिए की गई. पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों और मंत्रिमंडल के सहयोगियों की तरफ से 46 वर्षीय उदयनिधि स्टालिन को राज्य में बड़ा पद सौंपने के बढ़ते दबाव के बीच यह फैसला लिया गया।

पिता-पुत्र की जोड़ी बनी सीएम व डिप्टी सीएम

डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि के पोते और सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के नाम का एलान शनिवार को तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री के तौर पर चुना गया है. पार्टी के सदस्यों ने एकजुट व मंत्रिमंडल के सहयोगियों की तरफ से 46 वर्षीय उदयनिधि स्टालिन के नाम का चयन किया गया. ऐसे में अब पिता-पुत्र के हाथों में सत्ता की चाबी आ चुकी है. अगर हम देश में राजनीति के इतिहास पर चर्चा करें तो देखेंगे की भारत में ऐसा पहली बार हुआ की जब पंजाब में सीएम की कुर्सी पर बैठे प्रकाश सिंह बादल के बेटे सुखबीर सिंह बादल को उपमुख्यमंत्री बनाया गया थे. ठीक ऐसे ही तमिलनाडु का नाम भी ऐसे राज्य में शामिल हो चुका है जहां पिता-पुत्र की जोड़ी सीएम और डिप्टी सीएम बन गई.

जेल से जमानत पर बाहर आए वी सेंथिल बालाजी को भी मिली कैबिनेट में जगह

राज्यपाल आरएन रवि ने उदयनिधि की पदोन्नति, वी सेंथिल बालाजी, गोवी चेझियान, आर राजेंद्रन और एस.एम नासर को मंत्रिपरिषद में शामिल करने के लिए सीएम स्टालिन की ओर से लगातार सिफारिशों पर मोहर लग चुकी है. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 471 दिनों की जेल में रहने बाद जमानत पर रिहा होने के 2 दिन बाद बालाजी की तमिलनाडु कैबिनेट में वापसी हो गई है. उनका शपथ ग्रहण रविवार को राजभवन में दोपहर 3.30 बजे होगा. 

अभिनेता से नेता बने उदयनिधि स्टालिन ने कम समय पाया मुकाम

राजनीति में कई ऐसे चेहरे हैं जो पहले अभिनय के दम पर फिल्मों में अपना जलवा बिखेर चुके हैं. ऐसा ही नाम अभिनेता से राजनेता बने उदयनिधि स्टालिन का है. स्टालिन ने अपने राजनीतिक सफर में मुश्किल से 4 सालों के अंदर ही अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता. चुनावों में जीत के बाद महज 3 सालों में वह आगे बड़ते हुए अपने मुकाम तक पहुंचे. चेपक-ट्रिप्लिकेन निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने पर पहली बार विधायक को साल 2022 के दिसंबर महीने में मंत्री नियुक्त किया। 

क्या-क्या संभालेंगे स्टालिन

उप मुख्यमंत्री के पद पर रहते वह इस पद से जुड़े तमाम कार्य तो देखेंगे ही इसके साथ ही वह युवा कल्याण, खेल विकास, विशेष कार्यक्रम कार्यान्वयन, गरीबी उन्मूलन और ग्रामीण ऋणग्रस्तता के अलावा योजना और विकास पोर्टफोलियो भी संभालेंगे. मंत्रिमंडल में किए गऐ फेरबदल में नासर का नाम भी शामिल हैं, यह वहीं नासर हैं जिन्हें पार्टी के ही कुछ सदस्यों की शिकायतों के बाद मई 2022 में मंत्रिमंडल से हटाया था. तिरुविदाईमरुदुर से 3 बार के विधायक और सरकार के मुख्य सचेतक चेझियान और सलेम जिले से डीएमके के एकमात्र विधायक राजेंद्रन भी मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं. 

इन मंत्रियों को मंत्रिमंडल से किया बाहर 

मंत्रिमंडल के फेरबदल में 3 मंत्रियों को हटाया गया है, जिनमें टी मनो थंगराज, गिंजी केएस मस्तान और के रामचंद्रन का नाम शामिल है. कांचीपुरम में पार्टी के हीरक जयंती समारोह के बाद मंत्रिमंडल व उप मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया गया है. डीएमके के सहयोगी पार्टी कांग्रेस, वीसीके और सीपीआई ने उदयनिधि के नाम का चयन डिप्टी सीएम पद के लिए करने पर उनका स्वागत भी किया, तो दूसरी तरफ विपक्ष ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की. खासकर सेंथिल बालाजी की जेल से बाहर आने के बाद पार्टी में हुई वापसी को लेकर विपक्ष इस फैसले पर लगातार सवाल भी उठा रहा है.