Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज लगातार आठवां आम बजट पेश करने वाली है. बढ़ती महंगाई को देखते हुए लोगों को टैक्स दरों/स्लैब में बड़ी राहत की उम्मीद होगी. शुक्रवार को बजट पेश करने से पहले दस्तावेजों को अंतिम रूप दे दिया गया है.
वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में नॉर्थ ब्लॉक स्थित अपने कार्यालय में केंद्रीय बजट 2025-26 को अंतिम रूप देते हुए बजट बनाने की प्रक्रिया में शामिल सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की.
निर्मला सीतारमण के बजट भाषण हम इस बार के बजट से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करेंगे. जिससे की बजट पेश होने के बाद इससे समझने में और भी ज्यादा आसानी हो.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में प्रस्तुत आर्थिक सर्वेक्षण 2025-26 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर को 6.3% से 6.8% के बीच अनुमानित किया गया है. हालांकि, इसमें यह भी संकेत दिया गया है कि भारत की उच्च विकास दर में कमी आ रही है. 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 8% वार्षिक वृद्धि जरूरी होगी, जिसके लिए अतिरिक्त प्रयासों की आवश्यकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब और मध्यम वर्ग की उन्नति के लिए धन की देवी लक्ष्मी का आह्वान किया, जिससे लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं. उन्होंने कहा, 'मैं देवी लक्ष्मी से प्रार्थना करता हूं कि देश के गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को उनका आशीर्वाद मिले.'
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा पूर्ण बजट वैश्विक भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और चार वर्षों में सबसे कम आर्थिक वृद्धि दर के बीच पेश किया जाएगा. इस दौरान, अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के नए कार्यकाल में भारत जैसे देशों पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी ने भी चिंता बढ़ाई है.
विशेषज्ञों को उम्मीद है कि सरकार करों को सरल बनाने, निर्यात को बढ़ावा देने और पूंजीगत व्यय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर ध्यान देगी. ईवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डीके श्रीवास्तव ने कहा, 'हम एक चुनौतीपूर्ण आर्थिक परिदृश्य से गुजर रहे हैं, इसलिए आगामी बजट में राजकोषीय संतुलन और विकासोन्मुखी नीतियों के बीच समन्वय आवश्यक होगा. पूंजीगत व्यय में वृद्धि और शहरी उपभोक्ताओं को अधिक प्रयोज्य आय देने से घरेलू मांग को बढ़ावा मिलेगा.'
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार से राज्य के आर्थिक योगदान को मान्यता देने और 'न्यायसंगत एवं आनुपातिक' संसाधन वितरण सुनिश्चित करने की मांग की. उन्होंने केंद्र पर राज्यों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा, 'राज्यों को केवल राजस्व स्रोत मानने के बजाय, केंद्र को निष्पक्षता के साथ उनकी वित्तीय चुनौतियों का समाधान करना चाहिए. संसाधन आवंटन में वैज्ञानिक और न्यायसंगत मानकों का पालन किया जाना चाहिए.'
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर रियल एस्टेट पर पूंजीगत लाभ कराधान में हुए बदलावों को लेकर एनआरआई समुदाय की चिंता व्यक्त की. उन्होंने मांग की कि एनआरआई को भी वही कर लाभ दिया जाए, जो अन्य नागरिकों को प्राप्त हैं.
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बजट निर्माण प्रक्रिया में दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यकों की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, 'कल वित्त मंत्री ब्रीफकेस लेकर आएंगे, लेकिन फोटो में एक भी दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग या अल्पसंख्यक नहीं दिखेगा. 90 अधिकारी बजट तैयार करेंगे जिनमें से सिर्फ 3 ओबीसी समुदाय से होंगे. आपकी आबादी 50% है, लेकिन बजट में आपको सिर्फ 5% प्रतिनिधित्व मिलेगा.'
कांग्रेस ने शुक्रवार को सोनिया गांधी के नेतृत्व में एक बैठक की, जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, महाकुंभ भगदड़ और बी.आर. अंबेडकर के कथित अपमान जैसे मुद्दे उठाने की योजना बनाई गई.
हिमाचल प्रदेश सरकार को भी 2025-26 के केंद्रीय बजट से बड़ी उम्मीदें हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने मांग की कि राज्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे की पूरी लागत केंद्र सरकार वहन करे.