Fatima Beevi Died: सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज और तमिलनाडु की पूर्व राज्यपाल फातिमा बीवी ने आज 96 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. केरल के निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. उनकी मौत पर शोक व्यक्त करते हुए केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि उन्होंने पूर्व न्यायधीश और तमिलनाडु की राज्यपाल रहते हुए जनता पर अमिट छाप छोड़ी है.
पूर्व न्यायधीश फातिमा बीवी के निधन पर दुःख जताते हुए केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि, वो एक बहादुर महिला थीं. उनके नाम कई रिकॉर्ड दर्ज़ है. उनका जीवन हम-सब के लिए मिशाल है. वो एक ऐसी महान हस्ती थी, जिन्होंने अपने जीवन से हमें सिखाया की व्यक्ति दृढ इच्छा शक्ति और कठोर परिश्रम से किसी भी विपरीत परिस्थितियों का सामना कर सकता है.
कौन थीं फातिमा बीवी
30 अप्रैल 1927 को केरल के ट्रावनकोर साम्राज्य के पत्तनममिट्ठा गांव में जन्मी फातिमा बीवी 6 अक्तूबर 1989 से 29अप्रैल 1992 तक सुप्रीम कोर्ट में जज रहीं. बता दें कि जस्टिस एम फातिमा बीबी देश की उच्च न्यायपालिका में पहली मुस्लिम महिला और किसी एशियाई देश में सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बनने वाली पहली महिला थीं. फातिमा ने कानून की पढ़ाई तिरुवनंतपुरम के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से किया था. उन्होंने 1950 में बार काउंसिल परीक्षा में टॉप किया था. इसके लिए उन्हें स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया था. खास बात ये है कि फातिमा बीवी बार काउंसिल स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली पहली महिला थीं.
सुप्रीम कोर्ट में पहली महिला जज बन कर रचा इतिहास
उन्होंने अपने वकालत की शुरुआत केरल से 14 नवंबर 1950 को की थी . इसके बाद वो मई 1958 में केरल अधीनस्थ न्यायिक सेवा में मुंसिफ़ के रूप में नियुक्त हुईं और फिर 1968 में वे अधीनस्थ न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुईं. इसके बाद 1972 में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, 1974 में जिला एवं सत्र न्यायाधीश, 1980 में आयकर अपीलीय ट्रिब्यूनल की न्यायिक सदस्य और 8 अप्रैल 1983 को उन्हें केरल हाईकोर्ट में जज बनाया गया. इतना ही नहीं, फातिमा बीवी ने 6 अक्तूबर 1989 में सुप्रीम कोर्ट में पहली महिला जज के रूप में नियुक्त होकर इतिहास रच दिया. फातिमा बीवी के कामयाबी का कारवां यहींनही थमा. इसके बाद वो उच्च न्यायपालिका में पहली मुस्लिम महिला और एक एशियाई देश में सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बनने वाली पहली महिला बनीं. उसके बाद चार साल सुप्रीम कोर्ट जज रहने के बाद जस्टिस फातिमा बीबी 24 अप्रैल 1992 में सेवानिवृत्त हुईं.
इसके बाद फातिमा बीवी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सदस्य बनीं और बाद में तमिलनाडु की राज्यपाल भी रहीं. बता दें कि आज फातिमा बीवी का 96 वर्ष की आयु में निधन हो गया है.