S Jaishankar: राम-लक्ष्मण की जोड़ी का जिक्र कर विदेश मंत्री ने पड़ोसी देशों को दिया संदेश, पहले भी दे चुके हैं रामायण का उदाहरण

S Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पड़ोसी मुल्कों की संदेश देते हुए रामायण का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि दो देशों के बीच साझेदारी भगवान राम और लक्ष्मण के जैसी होनी चाहिए.

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हाइलाइट्स

  • रामायण कूटनीति का बेहतरीन उदाहरण- विदेश मंत्री
  • भारत के पड़ोसी देश अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं

S Jaishankar On Ramayan: 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला है. ऐसे में हर तरफ सिर्फ भगवान राम की ही चर्चा है. भगवान राम का आदर्श जीवन आज भी हर मायने में प्रासंगिक है. इसलिए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर से अपने सम्बोधन के दौरान रामायण के पात्रों के जरिए दुनिया भर में भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका को रेखांकित किया है.

विदेश मंत्री राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक अनुसांगिक संगठन भारतीय विचार केंद्रम (बीवीके) की ओर से आयोजित तीसरे पी परमेश्वरन मेमोरियल लेक्चर को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने रामायण का उदाहरण देते हुए पड़ोसी देशों को संदेश भी दिया. 

'हर राम को लक्ष्मण की जरूरत होती है'

अपने सम्बोधन के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा कि जैसे रामायण में भगवान राम और लक्ष्मण की जोड़ी थी, वैसे ही हर देश को अपने आसपास मजबूत दोस्ती की जरूरत होती है. इसके साथ ही उन्होंने भारत को वैश्विक स्तर पर बड़ी भूमिका के लिए तैयार होने के भी संकेत दिये. 

उन्होंने कहा कि "तेजी के साथ विकसित हो रहे भारत को वैश्विक स्तर पर बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार होना चाहिए. हालांकि हमें हमारा इतिहास नहीं भूलना है, हमारी सभ्यता नहीं भूलनी है क्योंकि यही चीजें हमें बाकी दुनिया से अलग करती हैं".

भारत के प्रति पड़ोसी देशों का विश्वास बढ़ा 

विदेश मंत्री ने कहा कि मौजूदा समय में भारत सामरिक, आर्थिक, वैज्ञानिक मोर्चे पर तेजी से प्रगति कर रहा है. ऐसे में भारत की बदलती वैश्विक स्थिति महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही उन्होंने भारत और उसके पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारत के पड़ोसी अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं और भारत के प्रति उनका विश्वास और सम्मान बढ़ा है. साथ ही उन्होंने  महामारी कोरोना का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय भी दुनिया ने भारत के प्रति इसी विश्वास को देखा.

'परशुराम की तरह लेनी चाहिए परीक्षा'

विदेश मंत्री ने वैश्विक मोर्चे पर आने वाली चुनौतियों को रामायण में भगवान राम की परीक्षा से जोड़ते हुए कहा कि जैसे रामायण में परशुराम ने भगवान राम की परीक्षा ली थी, वैसे ही सभी देशों को अपने पड़ोसी देशों की परीक्षा लेनी चाहिए. उन्होंने भारत का उदाहरण देते हुए आगे कहा कि "जब भी किसी देश का विकास होता है तो ऐसा ही होता है. अपने देश को ही देखिए. मजबूत अर्थव्यवस्था होने की वजह से हमने यह कड़ी परीक्षा पास कर ली. परमाणु परीक्षण कर हमने दूसरी परीक्षा पास की". उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से परशुराम ने राम की परीक्षा ली थी, हमें भी राम की तरह परीक्षा देने की जरूरत है.

पहले भी दे चुके हैं  रामायण का उदाहरण 

विदेश मंत्री एस जयशंकर इससे पहले भी कई अवसरों पर भगवान राम और रामायण से जुड़े प्रसंगों का उदाहरण दे चुके हैं. हाल ही में उन्होंने अपनी किताब  'व्हाई भारत मैटर्स' पर चर्चा के दौरान उन्होंने रामायण का जिक्र करते हुए कहा था कि रामायण में कई बेहतरीन डिप्लोमैट हुए हैं. हमें राम और लक्ष्मण के रूप में एक महान साझेदारी भी देखने को मिली हैं. इसके साथ ही उन्होंने हनुमान के साथ ही अंगद की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा था कि रामायण में हर किसी ने कूटनीतिक स्तर पर अपना योगदान दिया है.