Farmers Protest: किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने घोषणा की है कि 101 किसानों का एक विशेष समूह 21 जनवरी को पंजाब-हरियाणा की शंभू सीमा पार कर दिल्ली की ओर कूच करेगा. उनका यह चौथा प्रयास होगा, जिसमें वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करेंगे.
पिछले साल 6, 8 और 14 दिसंबर को इन किसानों ने दिल्ली पहुंचने की कोशिश की थी. लेकिन हरियाणा पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने आंसू गैस, पानी की बौछार और मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल कर उनके प्रयासों को विफल कर दिया. इन घटनाओं में करीब 50 किसान घायल हो गए थे.
इस बार ‘दिल्ली चलो’ मार्च की घोषणा किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने मिलकर की है. पंधेर ने कहा, 'केंद्र सरकार किसानों से बातचीत के मूड में नहीं लगती. हमारे 101 मरजीवदास का जत्था शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली पहुंचने की कोशिश करेगा. अब यह सरकार पर निर्भर करता है कि वह हमारी मांगें पूरी करे या हमें रोकने के लिए कुछ और कदम उठाए.' किसान नेताओं ने इस बार शांतिपूर्ण तरीके से मार्च करने की अपील की है. पंधेर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की, 'किसानों को दिल्ली पहुंचने दें ताकि वे अपनी मांगें सरकार तक रख सकें. हम एमएसपी पर कानूनी गारंटी चाहते हैं.' उन्होंने बताया कि किसान नेता मंजीत सिंह राय और बलवंत सिंह बेहराम इस जत्थे का नेतृत्व करेंगे.
इस बीच, किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल के नेतृत्व में 111 किसानों ने खनौरी सीमा पर आमरण अनशन शुरू कर दिया है. दल्लेवाल का अनशन 52वें दिन में प्रवेश कर चुका है. किसानों ने उनके बिगड़ते स्वास्थ्य को लेकर चिंता जाहिर की है, क्योंकि लंबे उपवास के कारण उनके अंग फेल होने का खतरा है. हरियाणा पुलिस ने खनौरी सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी है और धारा 163 लागू कर दी गई है, जिससे पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध है. इसके बावजूद किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं. एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम के बैनर तले किसान पिछले साल 13 फरवरी से शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं. यह नया प्रयास सरकार पर दबाव बनाने की दिशा में एक और कदम माना जा रहा है.